सत्यखबर जाखल (दीपक) – जाखल से भूना मार्ग पर म्योंद चौकी के पास बने भाखड़ा पुल इस मार्ग पर आने जाने वालों के लिए लगातार परेशानी का सबब बना हुआ है। भाखड़ा मेन ब्रांच के 47000 आरडी पर 1 वर्ष पूर्व भाखड़ा नहर पर पुराने कंडम हालत पुल की जगह पर नया पुल तो बना दिया गया है । लेकिन अभी तक न तो पुराने पुल को तोड़ा गया है और ना ही मैं उनके पुल से पश्चिम दिशा की ओर नहर किनारे जाने वाले लिंक रोड़ों को रैंप बनाकर जोड़ा गया है। इस कंडम हाल शंकरा पुल पर मजबूरी बस किसानों के भारी भरकम वाहन अभी भी सरपट दौड़ रहे हैं। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।
जाखल मार्केटिंग बोर्ड के अंतर्गत आने वाली लिंक रोड को बीएंडआर हाईवे रोड़ से जोड़ने के लिए गांव तलवाड़ी ढाणी की और कोई रैंप बनाकर नहीं उतारा गया वहीं दूसरी और नहर विश्रामगृह चांदपुरा, गांव मूंदलिया, गांव चांदपुरा, गांव सिधानी, साधनवास, भूरथली, मूसाखेड़ा, बादलगढ़, बबनपुर सहित दर्जन गांवों को जोड़ने वाली लिंक रोड को जोड़ने के लिए ही कोई रैंप बनाकर सड़कों को अभी तक अटैच नहीं किया गया है।
पूरब दिशा की ओर गांव चुहड़पुर, नडै़ल की और टोहाना को जाने वाली सड़क को तो लंबा रैंप बनाकर जोड़ दिया गया है परंतु पश्चिम दिशा कि और दोनो रोड़ पर चलने वाले वाहन चालकों को लंबा चक्कर लगाकर रोड पर चढ़ना पड़ता है। कई बार तो रोड पर चढ़ते हुए हादसों का शिकार होने का भी डर रहता है। एक और बात यहां पर देखने को मिली कि जब वर्षों पहले तलवाड़ा- म्योंदकलां के इस पुल को कंडम घोषित कर ही दिया गया था और इसकी जगह पर नया पुल भी बन गया है तो फिर अभी तक इस कंडम घोषित पूल को क्यों नहीं गिराया गया।
पीडब्ल्यूडी विभाग, मार्केटिंग बोर्ड व इरीगेशन डिपार्टमेंट तीनों ही विभाग लोगों की इस भारी समस्या की अनदेखी कर रहे हैं या यूं कह दीजिए कि तीनों विभागों में आपसी तालमेल ही नहीं है जिसका खामियाजा दर्जनों गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यहां तक कि चांदपुरा नहर विश्राम गृह होने की वजह से यहां इस मार्ग से जिला उपायुक्त से लेकर हरियाणा सरकार के आलाकमान इस रास्ते गुजरते हैं। किसी ने भी कभी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया।
गांव चांदपुरा के सरपंच बलदेव सिंह, भाजपा के किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष अमेरिका ग्रेवाल, सोम कुमार रामचंद्र, गांव मुदलियां से जनता सिंह, निर्मल सिंह, तरसेम सिंह, सिधानी के सरपंच बीकेर सिंह, तलवाड़ी के सरपंच सतीश कुमार, भीमराव अंबेडकर अधिकार मंच के जाखल प्रधान बिक्कर सिंह, वरिष्ठ नेता जरनैल सिंह भंगू इत्यादि ने बताया की इस रोड की हालत भी खस्ता हाल है दुपहिया वाहन चालकों को इस सड़क पर काफी संभलकर चलना पड़ रहा है, वरना वाहन फिसलने नहर में गिरने का डर बना रहता है व इस लिंक रोड के रास्ते जाकर भुना-जाखल मार्ग पर चढ़ते समय दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।
दर्जनभर गांव के ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से मांग करते हुए कहा किस खस्ताहाल पुल को खत्म करवा कर जल्दी नहर विश्राम गृह को इस हाईवे रोड से मिलान करवाने के लिए सही तरीके से रैंप बनवाया जाए ताकि कंडम घोषित पुल के रास्ते जाकर इस रोड पर चढ़ने से कोई अनहोनी घटना ना घटे। उन्होंने बताया किस पुल के पास अब आईटीआई का नवनिर्माण भी हो चुका है जिस वजह से छात्र-छात्राओं को भी आईटीआई तक पहुंचने के लिए मेन हाईवे रोड पर आना पड़ता है। इसलिए लोगों की समस्या की और जल्दी ध्यान दिया जाए।
इस बारे में मार्केटिंग बोर्ड के एसडीओ एस.एस. रेडू से बात की गई तो उन्होंने कहा की जब यह पुल बनाया गया था तो बीएंडआर विभाग ने उसी वक्त नहर विश्रामगृह चांदपुरा गांव की ओर भी रैंप उतारना चाहिए था। जब उन्होंने पूर्व दिशा की ओर टोहाना साइड रैंप बना दिया है तो उन्होंने पश्चिम दिशा मैं भी भाखड़ा नहर किनारे जान वाले लिंक रोड़ों पर रैंप बनाने चाहिए थे। फिर भी यह मामला हमारे संज्ञान में आ गया है जल्दी ही इस समस्या के संबंध में संबंधित विभागों को लिखित में अवगत करवा दिया जाएगा और जल्दी ही समस्या को दूर कर दिया जाएगा।
Scrap aluminium supply Scrap aluminium ecological impact Scrap metal price fluctuations
Metal scrap recovery services Ferrous material disposal solutions Iron scrap cleaning
Ferrous material recycling safety, Iron scrap reclaiming plant, Metal waste shredding