सत्य खबर, चण्डीगढ़
कहने को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है लेकिन इसकी चिंगारी अभी भी दहक रही है। और इसका असर हरियाणा के अलग अलग राज्यों में देखने को मिलता रहता है।
किसान विरोध प्रदर्शन खत्म होने के एक महीने से अधिक समय के बाद, हरियाणा के एक व्यक्ति ने अपनी शादी से दो सप्ताह पहले 1500 विवाह कार्ड प्रिंट करवाया। जिसमें उसने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध का एक अनूठा तरीका चुना। उसने फसल उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून की मांग की।
मामला हरियाणा के भिवानी जिले का है। जहां रहने वाले प्रदीप कालीरामना की शादी 9 फरवरी को होनी है। उसने अपनी शादी के लिए 1,500 कार्ड छपवाए हैं। अपनी शादी के कार्ड के ऊपर उन्होंने किसाने के लिए लिखवाया ‘जंग अभी जारी है, एमएसपी की बारी है’
इसके अलावा, शादी के कार्ड पर एक ‘ट्रैक्टर’ और ‘नो फार्मर्स, नो फूड’ को दर्शाने वाला एक साइनबोर्ड भी प्रदर्शित किया गया है। प्रदीप ने कहा, ‘मैं अपनी शादी के कार्ड के माध्यम से यह संदेश देना चाहता हूं कि किसानों के विरोध की जीत अभी पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि किसानों की जीत तब घोषित की जाएगी जब केंद्र सरकार गारंटी देने वाले एमएसपी अधिनियम के तहत एक कानून किसानों को लिखित में देगी। एमएसपी पर कानून के बिना, किसानों के पास कुछ भी नहीं है और किसानों की शहादत और उनके बलिदान भी तभी पूरे होंगे जब एमएसपी पर कानूनी गारंटी होगी.’
बता दें कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून 5 जून, 2020 को तीन कृषि विधेयकों को संसद के पटल पर रखा और 20 सितंबर को लोकसभा के बाद इसे राज्यसभा में पारित किया गया था। इसके बाद 13 महीने तक दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चला। और अंत में सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया था।
कहने को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है लेकिन इसकी चिंगारी अभी भी दहक रही है। और इसका असर हरियाणा के अलग अलग राज्यों में देखने को मिलता रहता है।
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