जिला के 48०० किसानों ने अपनाई धान की जगह कपास,बाजरा, मक्का व सब्जियों की खेती
जिला में इस वर्ष 2० हजार एकड क्षेत्र में कम की जाएगी धान की खेती: उपायुक्त
सत्यखबर, जींद: राज्य सरकार द्वारा आने वाली पीढियों के लिए पर्याप्त स्वच्छ भू-जल उपलब्ध करवाने को लेकर हाल ही में लागू की गई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना जींद जिला के किसानों को अच्छी -खासी भा रही है। इस योजना से प्रेरित होकर अब तक 48०० किसान धान की खेती को छोड़कर इसकी जगह मक्का,बाजरा, कपास व अन्य सब्जियों की खेती को अपना चुके है। यह किसान 17 हजार एकड उस क्षेत्र में इन फसलों की खेती करते नजर आएंगें , जहां पहले धान की फ सल लहलाती थी। उपायुक्त ने बताया कि पिछले वर्ष जिला में तीन लाख 65 हजार एकड क्षेत्र में धान की फसल की रोपाई की गई थी। लेकिन इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा तीन लाख 45 हजार एकड क्षेत्र में ही धान की रोपाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस हिसाब से लगभग 2० हजार एकड क्षेत्र में धान की रोपाई कम होने की उम्मीद है। फसल विविधिकरण अपनाने से किसानों को दोहरा फायदा मिलेगा। एक तरफ जहां उन्हें सरकार द्वारा प्रति एकड 7 हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में मिलेगी,वहीं वे आने वाली पीढियों के लिए जल सरंक्षण कर समाज के प्रति अपना दायित्व भी निभा सकेंगे। फसल चक्र टूटने का किसानों को एक फायदा यह भी मिलेगा कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढेगी जिससे भविष्य में फसल उत्पादन पर भी अच्छा-खासा सकारात्मक असर दिखेगा। उपायुक्त डॉ० आदित्य दहिया ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत एक बहुत ही अच्छी योजना है। इस योजना के तहत किसान फसल विविधिकरण अपनाकर प्रति एकड 7 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप मे प्राप्त कर सकते है। जिला में किसान यह योजना काफी पसंद भी कर रहे है। अब तक किसान 13 हजार 65० एकड क्षेत्र में कपास, 25०० एकड़ में बाजरा, 9० एकड क्षेत्र में मक्का व 56० एकड क्षेत्र में सब्जियों की खेती करने के लिए मेरा पानी-मेरी योजना के तहत पंजीकरण करवा चुके है। उन्होंने बताया कि यह आंकडा और बढने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि किसान तेजी से इस योजना की ओर आकृषित हो रहे हैं। कृषि विभाग के एक अधिकारी के अनुसार धान की जगह बाजरा,कपास, मक्का व सब्जियां उगाने वाले किसानों को सरकार द्वारा मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पटवारियों द्वारा फसलों का सत्यापन किया जाएगा और इसके बाद प्रोत्साहन राशि सीधे किसानों के खातों में डाली जाएगी।
Aluminium recycling accountability Aluminium recycling risk management Scrap metal recovery and trading