सत्य खबर । चंडीगढ़
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की ओर से जांच के बाद कई अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है। सरकार ने इनके संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इनमें 8 अफसर तो रेवाड़ी नप के हैं। रेवाड़ी में 10 हजार वर्ग गज से ज्यादा जमीन पर अवैध कब्जा होने के बाद उस पर निर्माण भी हो चुका है। परंतु इन अफसरों ने पूरी तरह लापरवाही की है। इनके अलावा अब करनाल के उन 69 लोगों से पेंशन वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जो पात्र न होते हुए भी पेंशन की राशि लेते रहे। जबकि तीसरा मामला चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के निर्माण से जुड़ा है। विजिलेंस ब्यूरो की ओर से जांच के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी, जिस पर सरकार ने यह एक्शन लिया है।
पहला मामला : नगर परिषद, रेवाड़ी की कुल 10150 वर्ग गज भूमि पर अवैध कब्जा व निर्माण से जुड़ा है। जिसमें दो ईओ, दो एमई और 4 जेई की लापरवाही पाई गई है। सरकार ने इनके खिलाफ कार्यवाही के साथ अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए हैं।
दूसरा मामला : चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के भवन निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का है। मैसर्ज प्रभु दयाल बिल्डर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली से 3 लाख 21 हजार 650 रुपए की वसूली के साथ संबंधित सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
तीसरा मामला : जिला करनाल में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के पात्रों के चयन में अनियमितता से जुड़ा है। सामने आया था वर्ष 2012 से 2014 तक करनाल जिले में गलत पात्रों को पैंशन स्वीकृत कर दी गई। ब्यूरो की जांच में यह भी सामने आया कि कुल 29029 पेंशन गलत बनाई। थाना सिविल लाईन, करनाल में पहले से ही तीन केस भी दर्ज हैं। इन लाभपात्रों से वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। 69 मामले ऐसे पाए गए थे जिनमें पेंशनधारकों से वसूली की जानी बाकी है। अब इनसे वसूली की जाएगी।
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