सत्यखबर, नरवाना, (सन्दीप श्योरान) :-
गांव दबलैन के फकीरां वाले मंदिर में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक वीरेन्द्र गौड़ ने परीक्षित व शुकदेव के माध्यम से सृष्टि का कारण व महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए बुरे कार्य को अंजाम देता है, जिसके कारण उसके मन में हर समय लोगों को ठगने का भूत सवार हो जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भक्ति करने के लिए मंदिरों मेें जाने की आवश्यकता नहीं है, वो भगवान का स्मरण तो मन में भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों ने भगवान को केवल सुख-प्राप्ति का साधन माना है और दुख की घड़ी में प्रभु को याद कर अपना पीछा छुड़ाना चाहता है। वीरेन्द्र गौड़ ने कहा कि महिलाओं के लिए तो अपना पतिव्रता धर्म निभाना ही सबसे बड़ी पूजा है। असली स्वर्ग तो मां-बाप के चरणों में बसता है। जो अपने मां-बाप की सेवा नहीं कर सकता, तो उसमें अच्छे संस्कारों का अभाव होना स्वाभिविक है।
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