सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: सफीदों शहर की महर्षि बाल्मीकि बस्ती व बंसल अस्पताल वाली गली में वीरवार को कोरोना भगाओं यज्ञ का आयोजन किया गया। इस मौके पर नगर पार्षद गौरव रोहिल्ला, कश्यप समाज के रामकरण कश्यप, नंदी गौसेवा धाम के संचालक योगी दीपक चौहान, विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, प्रखंड अध्यक्ष जयदेव माटा व प्रखंड उपाध्यक्ष यशपाल सूरी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर मंत्रोचारण के बीच 52 प्रकार की जङी-बुटियों से मिश्रित सामग्री से लोगों ने हवन किया। अपने संबोधन में नगर पार्षद गौरव रोहिल्ला ने कहा कि हवन का मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिक व वैज्ञानिक महत्व है। विज्ञान की मानें तो हवन के दौरान मंत्रों का जाप करने से ध्वनि तरंगित होती हैं या अनेक प्रकार के ध्वनि का संचार होता है जिनका स्वभाव सकारात्मक होता है। यह ध्वनि मानवीय शरीर में ऊर्जा का संचार करती हैं। इसीलिए घर में हवन करवाना बेहद लाभदायक माना जाता है। हवन में बेल, नीम, कलीगंज, आम की लकड़ी, पीपल की छाल और तना, पलाश का पौधा, तिल, देवदार की जड़, अश्वगंधा की जड़, आम की पत्ती और तना, गूलर की छाल और पत्ती, बेर, कपूर, शकर जौ, चावल, चंदन की लकड़ी, इलायची, लौंग, जामुन की पत्ती, मुलेठी की जड़, लोभान, बहेड़ा का फल, हर्रे तथा घी आदि सामग्रियों का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हैं। हवन में गाय के गोबर से बने उपलों का भी प्रयोग किया जाता है जिनसे वातावरण में मौजूद 94 प्रतिशत जीवाणुओं का खात्मा हो जाता है। हवन करवाने से ना ही सिर्फ घर की शुद्धि होती है बल्कि आत्म शुद्धि भी होती है।
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