सत्यखबर
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुआवजा बगैर किसी भेदभाव के दिया जाएगा। वहीं जब कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी चुनाव आयोग के पास थी तब हिंसा हुई थी जिसमें 16 लोगों की मौत हुई है। इसमें आधे टीएमसी और आधे बीजेपी के थे तथा एक संयुक्त मोर्चा से जुड़े थे।
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां भाजपा के नेता घूम रहे हैं और लोगों को भडक़ा रहे हैं। नई सरकार के 24 घंटे भी नहीं हुए हैं वे पत्र भेज रहे हैं, उनकी टीम आ रही और उनके नेता यहां आ रहे हैं, वे वास्तव में जनादेश को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मैं उनसे लोगों के जनादेश को स्वीकार करने का अनुरोध करती हूं।
उल्लेखनीय है कि 2 मई को विधानसभा चुनावों के नतीजों की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है लेकिन राज्य सरकार ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी है।
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है। एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल पहुंच गया है।
यही नहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा की घटनाओं पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ से भी रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल से स्थिति का आकलन करने के बाद जल्द से जल्द मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
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वहीं भाजपा ने ममता बनर्जी द्वारा घोषित मुआवजे को मृतकों के परिजनों के जख्मों पर मरहम बताते हुए कहा कि एक तो मुआवजा बहुत ही कम तथा मुआवजे की आड़ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हत्याकाण्ड के दोषियों को बचाना चाहती। इंसाफ पीडि़त परिवार का हक है जो उसे मिलना चाहिए।
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