सत्य खबर, मुंबई
महाराष्ट्र में शिव सेना के विधायकों में चली खींच तान के उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया गया था। वहीं आज गुरूवार को बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस व शिव सेना के बागी विधायकों के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। बहुमत होने के चलते आज ही सांय साढे 7 बजे एकनाथ शिंदे ने सीएम पद की शपथ ली तथा देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम की शपथ ली हैं। शिंदे के सीएम बनाए जाने की घोषणा देवेंद्र फडणवीस ने खुद की थी और स्वयं सरकार में शामिल होने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वो सरकार को बाहर से समर्थन देंगे।
बता दें कि बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं के कहने पर फडणवीस ने डिप्टी सीएम बनना स्वीकार किया है। वहीं उनके बीजेपी के तेलांगना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के चलते ही आज शपथ ग्रहण का छोटा सा कार्यक्रम रखा गया था।
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बालासाहेब के हिंदुत्व को बढ़ाएंगे आगे
इससे पहले सीएम चुने जाने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम महाराष्ट्र के विकास के लिए साथ आए हैं. हमने जो कदम उठाया है वो किसी ने कुछ पाने के लिए नहीं किया है. यह सब एक विचार, बालासाहेब ठाकरे जी का हिंदुत्व और राज्य के विकास की बात है. इसलिए हम यह एजेंडा लेकर आगे जा रहे थे. शिंदे ने कहा कि शिवसेना के 40 विधायक और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर 50 विधायक आज एक साथ हैं. हम लोग हमारे शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे जी की हिंदुत्व की जो भूमिका है उसको आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने कहा कि संख्या बल के आधार पर फडणवीस मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन उन्होंने बड़ा दिल दिखाया और मैं इसके लिये उन्हें धन्यवाद देता हूं.
महा विकास आघाड़ी ने जनादेश का किया अपमान
वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में हुये विधानसभा चुनाव में लोगों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जनादेश दिया था, लेकिन इसका अपमान करते हुये महा विकास आघाड़ी सरकार का गठन किया गया. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के समूह नेता हैं, जो कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन समाप्त करना चहते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे नहीं माने.
ऑटोरिक्शा ड्राइवर से सीएम तक का सफर
एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को हुआ था. वह मराठा समुदाय से संबंध रखते हैं. उनका परिवार आजीविका कमाने के लिए सतारा से मुंबई के पास ठाणे में आकर बस गया था. एकनाथ शिंदे ने मंगला हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज ठाणे में 11वीं तक पढ़ाई की है.
80 के दशक में शुरू हुआ राजनीतिक सफर
राजनीति में आने से पहले वह अपने परिवार की मदद करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाते थे. शिंदे का राजनीतिक सफर 1980 के दशक में शुरू हुआ था. उन्हें उस समय ठाणे के शिवसेना अध्यक्ष आनंद दीघे ने राजनीति में अवसर दिया था. साल 2001 में दीघे के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को एकनाथ शिंदे ने ही आगे बढ़ाया. साल 2004 से अब तक वह चार बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए हैं.
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