सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: नगर के श्री सतनारायण मंदिर में शनिवार को महिला श्रद्धालुओं ने कान्हा की छठी धूमधाम से मनाई। श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान से लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की। लड्डू गोपाल को दूध, घी, शहद व गंगाजल से पंचामृत स्नान करवाया गया। उसके बाद उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाकर उनका श्रृंगार किया गया तथा माखन-मिश्री का भोग लगाया। महिलाओं ने भगवान श्री कृष्ण का लड्डू गोपाल, ठाकुर जी, कान्हा, माधव, नंदलाला, देवकीनंदन से नामकरण किया। उसके उपरांत महिलाओं ने कान्हा की छठी के गीत गाए तथा भजनों पर नृत्य भी किया।
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इस मौके पर उपस्थित महिलाओं ने बताया कि भगवान कृष्ण के जन्म के छठे दिन उनकी छठी मनाई जाने की भी परंपरा है। यही वह दिन होता है, जब आप ठाकुर जी से फरियाद कर सकते हैं और उनका नामकरण कर सकते हैं। भगवान कृष्ण की छठी का पूजन करने से जन्माष्टमी की पूजा पूरी होती है। जिस प्रकार बच्चे की छठी होती है, उसी प्रकार ठाकुर जी की भी छठी होती है। जिन घरों में ठाकुर जी प्रतिष्ठापित हैं, वह घर के बाल स्वरूप सदस्य व घर के स्वामी हैं। जैसे हम अपने बच्चे की देखरेख करते हैं, उसी प्रकार ठाकुर जी से भी हमारा स्नेह रहता है। उनकी ठाकुर जी से कामना है कि संपूर्ण समाज के लिए छठी महोत्सव सुख और शांति का भंडार लेकर आए। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण को दिल से जानो इसमें ही जीवन का मर्म छिपा है। योगेश्वर श्रीकृष्ण को जानने के लिए गीता का गहनता से अध्ययन करने की आवश्यकता है। गीता में कर्म को सर्वोपरि मानकर जीवन जीने की कला के बारे में बहुत ही विस्तार से वर्णन किया है।
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