सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाकर बेरोजगारों को स्थाई नौकरी देने की मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने प्रधान संजय कुमार की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम एक ज्ञापन एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कर्मचारियों का कहना था कि केंद्र व प्रदेश की सरकार लगातार नव उदारीकरण की नीतियों पर चलते हुए अंधाधुंध सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण कर रही है। इसमें जहां जनता को मिलने वाली सुविधाएं या तो समाप्त हो रही हैं या महंगी होती जा रही हैं और रोजगार के अवसर सिकुड़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने तो खुली घोषणा के साथ मुद्रीकरण नीति के तहत सार्वजनिक संपत्तियों को पूंजीपतियों के हवाले करना शुरू कर दिया है।
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हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी में नंबर एक पर पहुंच गया है और ऊपर से सरकार ने ठेका पर भर्ती करने के लिए बकायदा हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड कंपनी बनाकर स्थाई भर्ती को बिल्कुल बंद करने की योजना बना ली है। कर्मचारियों की मांग थी कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, जन स्वास्थ्य व परिवहन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। तीनों असवैधानिक कृषि कानूनों व चारों लेबर कोड्स को रद्द किया जाए, बिजली संशोधन बिल व ट्रांसपोर्ट रोड सेफ्टी बिल रद्द किया जाए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द किया जाए, हरियाणा में बनाया गया संपत्ति क्षति प्रतिपूर्ति बिल रद्द किया जाए, पीएफआरडीए को खत्म करके पुरानी पेंशन बहाल की जाए, जन सेवाओं के महकमों का विस्तार करके नए पद सृजित किए जाएं, पहले से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के बाद नियमित भर्ती करके बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए व राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाईन नीति को रद्द किया जाए। कर्मचारियों ने सरकार से मांग की कि निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाई जाए एवं संयुक्त किसान मोर्चा से बात करके तीनों असंवैधानिक कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
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