सत्य खबर,हिसार। मिरकां हत्याकांड के 14 दिन बीत जाने के बाद अब मृतक विनोद का अंतिम संस्कार किया जाएगा. रविवार देर रात प्रशासन की 16 सदस्यीय कमेटी और परिजनों के बीच युवक के अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बनी. बैठक में सरकार की ओर से डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, सीएम के राजनीतिक सलाहकार पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, एमएलए डॉ. कमल गुप्ता और तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि मृतक परिवार को कितना मुआवजा दिया जाएगा.
बैठक में पीड़ित परिवार की सुरक्षा, मुआवजा और नौकरी की मांगों को लेकर अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन दिया है. इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार करने की सहमति बन गई है. हालांकि अभी विधायक कमल गुप्ता और प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में धरने पर जाकर लोगों को आश्वासन देकर और उसके बाद ही शव को संस्कार के लिए ले जाया जाएगा.क्या है मिरका गांव हत्याकांड मामला14 दिसंबर को एक युवक की पीट-पीट कर हत्या करने का मामला सामने आया था. जानकारी के मुताबिक युवक पर पानी की मोटर चोरी करने के शक में ये हमला किया गया. बुरी तरह से पिटाई के बाद बाद युवक विनोद की मौत हो गई थी. मौत के बाद पूरे दलित समुदाय के लोग और सामाजिक संगठन सड़क पर उतर आए और लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन में हिसार समेत पूरे हरियाणा के 30 से ज्यादा संगठन शामिल हैं.
पीड़ित के परिजनों ने मुताबिक उनके गांव के ही कई युवक सुबह विनोद को पूछने आए थे. परिजनों ने उन्हे बताया कि वो मजदूरी करने के लिए चला गया है. इसके बाद युवकों ने विनोद और उसके साथी संदीप व भाल सिंह को पूछताछ के बहाने रास्ते में रोक लिया. वे युवक तीनों को पकड़कर पहले खेत में ले गए और फिर वहां उनकी पिटाई की. पिटाई करने के बाद दबंगों ने गांव के सरपंच को फोन करके बुलाया कि उन्होंने मोटर चोरी करने वालों को पकड़ लिया है. जब गांव का सरपंच वहां पहुंचा तब तक विनोद की मौत को चुकी थी जबकि संदीप व भाल सिंह बुरी तरह से तड़प रहे थे. सरपंच ने पुलिस को फोन कर मौके पर बुलाया. मृतक विनोद का शव 13 दिन से पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल में रखा हुआ है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. वहीं भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर रावण ने भी शनिवार को पीड़ित परिवारों और स्थानीय प्रशासन से मुलाकात कर मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांगी की थी.क्या है मृतक के परिजनों की मांगमृतक युवक विनोद के परिजन 50 लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा जो घायल हैं उनके लिए 25-25 लाख रूपये मुआवजे के तौर पर देने की मांग है.पीड़ित परिवार ये भी कह रहा है कि हत्याकांड में शामिल 17 आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए. अभी तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रशासन अपनी तरफ से पीड़ित के परिजनों को 4 लाख रुपये आर्थिक मदद के तौर पर दे चुका है. इसके अलावा पीड़ित परिवारों को सुरक्षा और सभी परिवारों को लाइसेंसी बंदूक दिए जाने की मांग की है.
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