सत्य खबर
महेंद्रगढ ज़िले के नारनौल के आई टी आई ग्राउंड में भाजपा की तरफ से “जल अधिकार रैली” आयोजित की गयी जिसमे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह समेत प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओ ने सिरकत की।
आज नारनौल के आई.टी.आई ग्राउंड में भाजपा की तरफ से “जल अधिकार रैली” आयोजित की गयी जिसमे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बतौर मुख्यवक्ता सिरकत की जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह , कृषि मंत्री जेपी दलाल, सामाजिकता न्याय मंत्री ओमप्रकाश एडीओ, पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, विधायक अभय सिंह यादव, विधायक सीताराम यादव, पूर्व चैयरमैन गोबिंद भारद्वाज समेत प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओ ने सिरकत की। सभी वक्ताओं ने कृषि कानून के तीनों बिलो को किसान के पक्ष में होने की बात कहते हुए यह कहाकि अब समय आ गया है कि हमे एसवाईएल का भी हल निकालने की जरुवत है और पंजाब व हरियाणा के किसान एक साथ बैठे है इस मसले को भी सुलझा लेना चाहिए।उन्होंने कहाकि एसवाईएल के पानी का हमारा हक है वह हमें मिलना चाहिए। जैसे ही मुख्यमंत्री ने बोलना शुरू किया तब पीछे बैठे किसी व्यक्ति ने एक काला कपड़ा दिखाया तो मुख्यमंत्री ने कहाकि काली कत्रक वाले को यही बैठा लो और सारा भाषण सुनाओ मुझे पता था एक दो यहाँ भी मिलेंगे जिसका एक नमूना यह दिख गया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमने एक महीने पहले किसानों की ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी और कल 21 जिलों में 32 हज़ार कार्यकर्ताओं ने उपवास किया था। उन्होंने कहाकि नरेंद्र तोमर जी ने किसानों के पत्र जारी किया है उसकी प्रति के हमने 7लाख पत्र बांटे है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल का मामलों दशकोंं से लटका पड़ा था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही इस मामलें को समय से पहले सुनने की याचिका लगाई जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा केहक मेंं फैसला दिया। दोनों प्रदेशोंं के मुख्यमंत्री को बैठकर फैसला करने को कहा था लेकिन पंजाब हमारा हक देने को राजी नहीं हुआ अब सुप्रीम कोर्ट कभी भी अंतिम फैसला सुनाएगा और हमें अपना हक मिलेगा। लोकातंत्रिक देश में राज्योंं की मनमानी नहींं चल सकती।
एसवाईएल पर पंजाब को अपनी हठ छोडऩी होगी। सीएम ने कहा कि प्रजातंत्र मेंं विरोध करने का एक तरीका होता है। सदन व मीडिया के समक्ष या लोकतांत्रिक ढंग से सभा करके विरोध कर सकते हैं। धींगामस्ती करना किसी भी सूरत मेंं सही नहींं है। अगर ऐसा होता है तो वह डा. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के अनुसार नहीं है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर कोई आंच आए तो उससे पहले वे राजनीति छोड़ देंगे। सरकार नए कृषि कानूनों केमाध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी से ऊपर की बात सोच रही है। एमएसपी कभी खत्म नहींं होगा। एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। इस प्रकार मंडिया भी रहेंगी। कुछ लोग राजनीतिक से प्रेरित होकर आंदोलन कर रहे हैं वे किसान हितैषी नहींं है। बार्डर पर बैठे पंजाब के किसान भाइयोंं से हमें एसवाईएल के पानी की बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों नए कृषि कानून किसानों के हित के लिए हैं। इससे किसानोंं को बंधन से मुक्ति मिलेगी। सरकार मंडी में किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदेगी लेकिन अगर किसान बाहर उससे अच्छे दाम में बेचना चाहेगा तो उसे आजादी दी गई है। इसके अलावा इस नए कानूनों में भंडारण की व्यवस्था सुधारने की बात की गई है। सरकार ने इसी सुधार प्रक्रिया के तहत प्रदेश की 104 मंडियों में से 88 मंडियोंं को ऑनलाइन किया है। उन्होंने कहा कि सही भंडारण न होने से हर वर्ष देश में 30 हजार करोड़ का अनाज का नुकसान होता है।
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हरियाणा प्रदेश में भी 700 करोड़ रूपए का अनाज खराब हो जाता है। सरकार इस अनाज को बचाने के लिए ये प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के सच्चे हितैषी हैं। देश में भंडारण सुधार व बिक्री सुधार की सख्त आवश्यक है। इसी की पूर्ति के लिए सरकार ये कानून बनाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियां किसानों को बहकाने का प्रयास कर रही हैं जिसमेंं वे कभी सफल नहींं होंगे। वो नहीं चाहते कि किसानोंं की आमदनी बढ़े और वे अपने बच्चों का अच्छी तरह से पालन पोषण करें। उन्होंने कहा कि 2010 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्ïडा की अध्यक्षता कांग्रेस सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। उसमें उन्होंने एपीएमसी एक्ट मेंं सुधार की वकालत की थी लेकिन आज यही विपक्षी पार्टियां लोगों को बरगलाकर बार्डर बंद करके बैठे हैं। सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसानोंं के हित मेंं हमने एक नई माइक्रो इरीगेशन योजना शुरू की है। इसके तहत जिन खेतोंं मेंं अब तक पानी नहींं पहुंचा है वहां पर पानी पहुंचाएंगे। वहां के किसानोंं को 80 फीसदी सब्सिडी पर सिंचाई यंत्र देंगे। उन्होंने कहा कि अब एक जनवरी से सिंचाई की एक साथ 25 एकड़ की योजना बनाकर लाएगा तो उसे किसी न किसी तरीके से पानी से भरने का प्रबंध सरकार करेगी। इस योजना के तहत भिवानी-दादरी और महेंद्रगढ़ जिला को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि हमने सरकार बनते ही उपलब्ध पानी का समान बंटवारा करके टेल तक पानी पहुंचाया है। दक्षिणी हरियाणा की कृष्णावती, दोहान व साहबी नदियों में बारिश का फालतू पानी छोड़कर यहां भूमि जल स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई है। इसी प्रकार सरकार ने रेणुका-किसाऊ बांध का एमओयू हो चुका है और जल्द ही रखवार बांध का एमओयू साइन होगा। इस कार्य को तय समय मेंं पूरा करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि एसवाईएल पानी के मुद्दे पर जहां नारनौल में मुख्यमंत्री की जनसभा की जा रही है ऐसे ही करनाल, कुरुक्षेत्र जींद रोहतक जैसे क्षेत्रों में भी की जाए। उन्होंने कहाकि दक्षिणी हरियाणा तो इस मुद्दे पर बीजेपी के साथ है और दक्षिण हरियाणा की सरकार बनाने में भी अहम भूमिका है। उन्होंने कहाकि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो कृषि बिल लेकर आये है वह किसानों के हित मे है और इससे किसानों को फायदा होंगा। एसवाईएल पर कहाकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है अब इसको अमलीजामा पहनाने की जरुवत है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहाकि कल सारे हरियाणा ने उपवास किया। सारा हरियाणा चाहता है कि SYL का पानी आये SYL हमारा हक है। उन्होंने कृषि बिलो को किसानो के हितों में बताते हुए कहाकि यह बिल किसानों के फायदे में किसानों के हित में है।
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