सत्यखबर सफीदों: सफीदों के एस.डी.एमम्. मनदीप कुमार ने बताया कि किसानों द्वारा अपनाए जा रहे धान-गेंहू के फसल चक्र के कारण हरवर्ष भूजल स्तर गिरता जा रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत फसल विविधिकरण अपनाने वाले किसानों को सात हजार रूपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा के अस्तित्व में आने के समय हरियाणा में खरीफ की बाजरा, ज्वार, ग्वार व कपास की फसलें ज्यादा बोई जाती थी। इन फसलों में पानी की जरूरत कम होती थी। सफीदों ब्लाक के ज्यादातर किसान धान की बिजाई करते हैं, जिसमें पानी की खपत ज्यादा होती है। धान के बढ़ते रकबे के कारण भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है और पानी की गुणवत्ता भी सही नहीं रही हैै। कीटनाशकों व खादों के अंधाधूंध प्रयोग के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति व पैदावार लगातार गिरती जा रही है। उन्होंने बताया कि धान की जगह किसान कपास, बाजरा, मक्का, अरहर, सब्जी व बागवानी की खेती करेंगे तो उन किसानों को सरकार की ओर से लाभ भी दिया जाएगा।
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