सत्य खबर यमुनानगर (सुमित ओबरॉय) :- लॉक डाउन के चलते पलायन करने को मजबर प्रवासी मजदूरों की दर्द की दास्तां तो आपने देखी होगी….लेकिन एक और तबका भी है जो भारी परेशानियों से झूझ रहा है..और वो भी अपनी गुहार सरकार तक पहुंचाना चाहता है….जी हां हम बात कर रहे हैं किसान की जो लॉक डाउन की वजह से मंदी की मार झेल रहा है….
देश में चल रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया हुआ है…जिसकी वजह से सिर्फ प्रवासी मजदूर ही नहीं प्रभावित हुए बल्कि देश का किसान भी इस लॉक डाउन की वजह से आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है….यमुनानगर के खेतों में लगे खरबूजों की महक दिल्ली, चंडीगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में जाती थी…लेकिन आज वो महक लॉक डाउन की वजह से सिर्फ खेतों तक ही सिमट कर रह गई है….छ महीने तक जिस किसान ने खरबूजे की फसल को खूनपसीने से सींचा था….और जिसको बेचकर वो अपने परिवार का पेट पालना चाहता था….आज उसी खरबूजे से किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहा है….
खरबूजे की फसल पककर तैयार है….लेकिन लॉकडाउन के चलते खरबूजे की ये फसल दूसरे राज्य में नहीं जा पा रही है….जिस खरबूजे की कीमत कभी 3 से 35 रुपये हुआ करती थी….आज उसको किसान 10 से 15 रुपये किलो बेचने को मजूर हैं….क्योंकि किसान इस भाव में भी नहीं बेचेगा तो खरबूजे खेत में ही सड़ जाएगा….
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लॉक डाउन ने मंडी और राज्यों की सीमाएं बंद कर दी हैं….जिसके चलते किसान की फसल मंडी में नहीं पहुंच पा रही है…जिसके चलते किसान घाटे में जा रहे हैं….सालों से खरबूजे उगाने का काम करने वाले किसानों ने आज तक इतना बूरा वक्त नहीं देखा….अब इन किसानों को आस है तो सिर्फ सरकार से तकि जो घोषणाएं किसानों के लिए होती हैं…उनका लाभ अब किसानों को मिल सके….अब देखना ये होगा कि सरकार अब इन किसानों की फरियाद कब तक सुन पाती है…
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