हरियाणा

युवक को गाड़ी से टक्कर मारकर किया किडनैप, जंगल मे ले जाकर की जमकर पीटाई

सत्यखबर सोहना (संजय राघव) – सोहना में एक युवक ने शराब ठेकेदार व पुलिस प्रसासन की आपसी मिली भगत होने का आरोप लगाते हुए। अपनी दुःख भरी दस्ता मीडिया के कैमरे के सामने बया की युवक का कहना है की उसका सोहना चुंग्गी नम्बर एक पर उसका आफिस है। जब वह रात करीब 12 बजे अपने आफिस से अपने गाव रायसीना के लिए अपनी एस्टीम कार से जा रहा था। तभी सामने से एक बोलेरो गाड़ी आई जिसमे चार पाँच लोग सवार थे जिन्होंने गाड़ी को सीधी टक्कर मारी ओर उसके बाद गाड़ी की तलाशी लेने की बात कही। लेकिन जब पीड़ित ने ये कहा कि मै आपको तलाशी क्यो दू, अगर तलाशी लेनी है तो पुलिस को बुलाओ इतना कहते ही बोलेरो सवार लोगो ने पीड़ित के साथ मारपीट सुरु कर दी और अपनी बोलेरो गाड़ी में डाल लिया। जिसके बाद आरोपी पीड़ित को भौंडसी गाव के जंगल मे ले गए। जहा पर उसके साथ जमकर मारपीट की ओर जान से मारने का प्रयास किया।

पीड़ित के अनुसार आरोपियो के साथ एक पुलिस वाला भी था जिसका नाम कुलदीप है जो कि भौंडसी पुलिस थाने में कुछ समय पहले मुंशी भी रहा था। जिसके बाद आरोपियो ने पीड़ित की गाड़ी में शराब भी डाल दी व पीड़ित को घायल अवस्था मे भौंडसी पुलिस थाने छोड़कर फरार हो गए। जहा पर भी पुलिस द्वारा पीड़ित को कोई न्याय नही मिला। जैसे तैसे किसी पुलिस कर्मी ने पीड़ित की बात उसके परिजनों से कराई। जिसके बाद परिजन थाने में पहुचे ओर घायल को उपचार के लिए सोहना के सरकारी हसपताल में उपचार के लिए भर्ती कराया व पुलिस को लिखित शिकायत देकर आरोपियो के खिलाफ कार्यवाही करने की माग की है। वही पीड़ित युवक ने पुलिस पर ठेकेदार से साथ मिलीभगत होने का भी आरोपी लगाया है।

वही इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है.कि यह विवाद दो शराब ठेकेदारों के बीच चला हुआ है। एक ठेकेदार सोहना कस्बा का है तो वही दूसरा ठेकेदार देहात छेत्र का है। जिनका आपस मे यह आरोप रहता है, की एक दूसरे के एरिया में अवैध शराब पहुचाते है। जिसे लेकर कल एक शराब की गाड़ी भी इम्पाउंड की थी। लेकिन जब हमने बीती देर रात घटित हुई वारदात के बारे में पूछा तो थानाप्रभारी का कहना था कि अभी जाच की जा रही है। जिससे पुलिस व शराब ठेकेदार की मिली भगत की बू आती है। क्योकि बीती देर रात की घटित वारदात में पुलिस ने अभी तक भी आरोपियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही किया। अब देखना इस बात का होगा कि पुलिस आरोपियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपियो को गिरफ्तार कर पाती है, या फिर पीड़ित को डरा धमका कर आपसी फैसला कराती है।

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