सत्य खबर, नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच भारत लगातार यहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश में जुटा है। भारत सरकार और भारतीय दूतावास रोमानिया और हंगरी के रास्ते भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है। हंगरी में भारतीय दूतावास की ओर से इस बाबत जानकारी साझा की है।
दूतावास की ओर से कहा गया है कि फिलहाल टीमों को हंगरी की सीमा के पास चोपजोहानी तैनात किया गया है, साथ ही रोमानिया के बॉर्डर पर चेर्निवित्सी में पोरुब्ने-साइरेट के पास तैनात किया गया है। जो भारतीय नागरिक खासकर छात्र यहां आसपास हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वह करीबी चेकप्वाइंट पर जाएं और संगठित तरीके से विदेश मंत्रालय की टीम के पास पहुंचे और यहां से संगठित तरीके से प्रस्थान करें।
गौर करने वाली बात है कि यूक्रेन में भारत के हजारो छात्र फंसे हैं, जो यहां मुख्य रूप से मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए गए हैं। इन छात्रों को सकुशल वापस लाने की भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस बात को दोहरा चुके हैं कि भारत सरकार को इन छात्रों को वापस लाने के लिए कदम उठाने चाहिए। रूस के हमले के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव से भारतीय विमानों का संचालन ठप हो चुका है। जिसकी वजह से यहां से छात्रों को बाहर निकालने में और भी मुश्किल हो रही है।
भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए भेजा गया एक विमान बीच रास्ते से ही वापस लौट आया क्योंकि रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। लिहाजा भारत यूक्रेन से जुड़े पड़ोसी देश के जरिए जमीन के रास्ते से भारतीय छात्रों को यहां से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है।
विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने भी कहा था कि हम यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाएंगे। इसके लिए यूक्रेन से सटे चार पड़ोसी देश पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विकल्प उपलब्ध हैं। यहां से छात्रों को निकालने का काम शुरू हो गया है। इन सभी देशों में भारतीय राजनयिकों की 10 अलग-अलग टीमों को रवाना किया गया है।
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