सत्यखबर, यूपी
कोरोना वायरस लगातार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और इसी को लेकर हर क्षेत्र हर जिले में लोग अपने अपने तरीके से सैनिटाइज भी कर रहे हैं कई जगह पलायन कर रहे श्रमिकों पर कर्मचारी डिसइनफेक्टेड शक्ति नजर आ रहे हैं इसके लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें कि यह दवाई शरीर के लिए अत्यंत घातक होती है इससे कई तरह की बीमारियां भी लग सकती है यह स्विमिंग पूल की सफाई संक्रमण बदबू खत्म करने में इस्तेमाल किया जाता है जानकारी के अनुसार इस रसायन की 0.5 प्रतिशत मात्रा ही काफी नुकसान दे होती है
हरियाणा और यूपी के बरेली समेत कई हिस्सों में श्रमिकों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है और उन पर ऐसी दवाई का छिड़काव किया जा रहा है जो उनकी सेहत के साथ बिल्कुल खिलवाड़ है।
लाकडाउन की खबरे यहां देखे ……………………………………………………………………………………………………………………….
https://www.youtube.com/watch?v=HfxLuKYmCJo
अब आप सोच रहे होंगे कि यह दुआ ही घातक क्यों है हम आपको बता दें कि त्वचा और आंखों के लिए यह काफी घातक होती है पानी में 0. 5% से ज्यादा सोडियम हाइपोक्लोराइट से त्वचा झुलस सकती है आंखों को भी काफी नुकसान पहुंचा सकती है खुजली और जलन की शिकायत इस दवाई से हो सकती है
अब आप समझ गए होंगे कि जब मात्र थोड़ी सी दवाई से इतना नुकसान हो सकता है तो जो मजदूरों के ऊपर छिड़काव किया जा रहा है या श्रमिकों पर या जो पलायन कर रहे हैं लोग उन पर छिड़काव किया जा रहा है सोडियम हाइपोक्लोराइट रसायन का वह उनके लिए कितना घातक होता होगा।
- त्वचा और आंखों के लिए घातक
- पानी में 0.5 प्रतिशत से ज्यादा सोडियम हाइपोक्लोराइट से त्वचा झुलस सकती है।
- आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
- खुजली-जलन की शिकायत हो सकती है।
आपको बता दें कि कई दिन पहले यूपी के बरेली सहित देश के विभिन्न हिस्सों से वीडियो सामने आए थे जिनमें पलायन कर रहे श्रमिकों पर कर्मचारी डिसइनफेक्टेड नजर आए थे और इसके लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट का इस्तेमाल उन्होंने किया था
हरियाणा की खबरे यहां देखे ………………………………………………………………………………………………………………………
https://www.youtube.com/watch?v=eP_FF7rPjHY
- धारणा ये है की गर्म और नमी वाले क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण नहीं फैल सकता।
- सच्चाई ये है की नॉवेल कोरोन किसी भी जलवायु में फैल सकता है। इनमें गर्म-नम लाके भी शामिल हैं। बचावकारी उपाय अपनाकर संक्रमण से दूर रहें।
- भ्रम ये है की ठंडा मौसम व बर्फ रोगाणुओं का खात्मा कर सकते हैं।
- तथ्य ये है की बर्फ और ठंडा मौसम में वायरस खत्म होने के साक्ष्य नहीं हैं। शरीर का तापमान 36.5 डिग्री से 37 डिग्री के बीच ही रहता है।
- प्रश्न ये है की गर्म पानी से नहाने से यह रोग नजदीक नहीं आएगा?
- उत्तर ये है की इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उलटे ज्यादा गर्म पानी से नहाने से आपकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। बचाव का तरीका यही है कि अपने हाथ साबुन से धोते रहें।
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https://www.youtube.com/watch?v=-g1PBQ0K-9Y&t=29s
- प्रश्न ये है की हैंडड्रायर से हाथ सुखाने से वायरस मर जाता है?
- उत्तर ये है की नहीं। यह कोरी भ्रांति है। साबुन से हाथ धोना जरूरी है। उसके बाद हाथों को तौलिये, टिश्यू पेपर या हैंडड्रायर से सुखा सकते हैं।
- प्रश्न ये है की यह वायरस मच्छरों के काटने से भी फैल सकता है?
- उत्तर ये है की नहीं। अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं, जो इसकी पुष्टि करे कि कोरोना मच्छरों से फैलता है। कोरोना एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मोटे तौर पर संक्रमित व्यक्ति की खांसने या छींकने के दौरान फैलता है।
- दावा: यूवी डिस्इन्फेक्टेंट लैंप कोरोना को मार सकता है।
- सच्चाई: इन लैंपों की यूवी किरणों से त्वचा को भारी नुकसान संभव।
ये भी देखे ………………………………………………………………………………………………………………………………………
https://www.youtube.com/watch?v=pwOiZmSWizM
- प्रश्न ये है की अल्कोहल या क्लोरीन स्प्रे से वायरस मर जाएगा?
- उत्तर ये है की नहीं। स्प्रे से कुछ नहीं होगा बल्कि यह आंखों और त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकता है। हां, अल्कोहल और क्लोरीन से सतहों को डिस्इन्फेक्ट करने कर सकते हैं।
- प्रश्न ये है की थर्मल स्कैनर प्रभावी नहीं होते?
- उत्तर ये है की स्कैनर बुखार का पता लगाने में प्रभावी है, जो संक्रमण से हो सकता है। हालांकि यह संक्रमित का पता नहीं लगा सकते।
- प्रश्न ये है की निमोनया का वैक्सीन बचाता है?
- उत्तर ये है की नहीं। यह वायरस बिलकुल नया है। वैक्सीन बनाने का काम चल रहा है।
नमक युक्त पानी से नाक साफ करने से संक्रमण से बचा जा सकता है।
- मानसिक रोगियों का रखें विशेष ध्यान
नींद का पैटर्न बदलना, नीद या एकाग्रता में दिक्कत होना।
सेहत खराब रहना, तंबाकू, शराब, मादक पदार्थों का सेवन बढ़ना। ऐसे में चिकित्सक की मदद लें।
सामाजिक दूरी मानसिक बीमारों के लिए नुकसानदेह वे इलाज से बचने का प्रयास करते हैं। उन्हें इलाज दिलाएं।
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