सत्य खबर, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के इटावा में कोरोना वैक्सीनेशन कराने वालों को ही शराब बेचने के मामले में जिला आबकारी अधिकारी कमल कुमार शुक्ला ने सफाई देते हुए कहा कि इस तरह का कोई भी आदेश विभाग की तरफ से जारी नहीं किया गया है। एसडीएम ने शराब ठेका मालिकों से अपनी मर्जी से कहा होगा कि लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। इसीलिए शायद इस तरह के पोस्टर लगाए गए होंगे।
बता दें कि एसडीएम की तरफ से सैफ ई इलाके में पोस्टर्स चिपकवाए गए थे कि जो लोग अपना वैक्सीनेशन कार्ड दिखाएंगे सिर्फ वही दुकान से शराब खरीद सकेंगे। जिन लोगों को पास वैक्सीनेशन कार्ड नहीं होगा उन्हें शराब नहीं बेची जाएगी। शराब ठेका मालिकों को चेतावनी दी गई थी कि बिना वैक्सीन प्रमाण पत्र देखे किसी को भी शराब न बेची जाए। ये आदेश एसडीएम की तरफ से शराब की दुकानों पर चेकिंग के दौरान जारी किया गया था। तभी इस तरह के पोस्टर्स चिपकवाए गए थे। वहीं पहले तो यह बात सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई बाद में मीडिया में उठी तो मजबूरन अब इस पर एक्साइज डिपार्टमेंट से सफाई सामने आई है। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से इस तरह का कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इसी तरह का एक मामला फिरोजाबाद से भी सामने आया था। वहां पर भी डीएम की तरफ से फ रमान जारी किया गया था कि सरकारी विभाग के जो भी कर्मचारी 3 दिन के भीतर अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जमा नहीं करवाएंगे उनको मई की सैलरी नहीं मिलेगी।
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वैसे भी अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद प्रशासन बहुत ही सख्त हो गया है। इटावा में भी शराब की दुकानों पर ताबड़तोड़ चेकिंग की गई। पुलिस और एसडीएम हेम कुमार सिंह खुद देसी और अंग्रेजी शराब के ठेकों पर चेकिंग करने पहुंचे थे। इसी दौरान उन दुकानों पर पोस्टर चिपकवाए गए कि शराब की बिक्री तभी की जाएगी जब ग्राहक अपना वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र दिखाएगा। पहले वैक्सीन लगवाए उसके बाद शराब खरीदने आए।
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