सत्यखबर
किसानों के प्रदर्शन के बीच बृहस्पतिवार को देर शाम आखिर ऐसा क्या हुआ था कि किसानों का धरना समाप्त होते-होते रह गया। स्थानीय प्रशासन की सख्ती की तैयारी पूरी थी और भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी धरना खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए थे, लेकिन अचानक माहौल बदल गया। प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई में शामिल एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक, खुद राकेश टिकैत इस पर मान गए थे कि उन्हें धरना खत्म कर देना है.
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लेकिन बुलंदशहर से आए एक समर्थक मांगेराम ने यह बात फैला दी कि राकेश टिकैत की जबरन गिरफ्तारी हो रही है और भाजपा के स्थानीय विधायक अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल पर हैं। वह (विधायक) समर्थकों को भाकियू कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए उकसा रहे हैं। इस गलत सूचना के बाद टिकैत के तेवर बदल गए और उन्होंने धरना स्थल पर डटे रहने का एलान कर दिया। आंदोलन समाप्त करवाने की कामयाबी के नजदीक पहुंचे अफसरों को इसके बाद अपनी कोशिश फिलहाल छोड़नी पड़ी। यह सब घटनाक्रम बमुश्किल पांच मिनट चला और इसका नतीजा यह हुआ कि मंच पर आंसू बहा रहे राकेश टिकैत ने शासन-प्रशासन को ललकारना शुरू किया। शुक्रवार को दिन में उसका असर धरना स्थल पर करीब पांच हजार प्रदर्शनकारियों के रूप में सामने था।
आंसुओ ने बदल दिया पूरा माहौल
बताया जा रहा है कि मांगेराम ने ही सबसे पहले भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का नाम मंच से लिया। राकेश टिकैत को लगा कि उनके साथ धोखा हो रहा है। वह भावुक हुए और रोते हुए फांसी लगा लेने तक की चेतावनी दे डाली। मौके पर मौजूद मीडिया और यूट्यूबर के माध्यम से रोते राकेश टिकैत का वीडियो वायरल हुआ तो कुछ ही देर में किसान संगठनों ने आंदोलनकारियों से दोबारा यूपी गेट पर पहुंचने की अपील शुरू कर दी।
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