सत्य खबर
कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन इतना उग्र हो जाएगा यह खुद किसान नेताओं को यकीन नहीं हो रहा। आज गणतंत्र दिवस पर लाल किला की प्राचीर पर चढ़े उग्र आंदोलनकारियों ने झंडा फहरा दिया। इस पर अब किसान नेताओं ने लाल किला की प्राचीर पर चढ़े आंदोलनकारियों को उनके पक्ष का होने से नकार दिया। किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्पात मचाने वाले आंदोलनकारियों को किसान होने से नकार दिया है।
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किसान राकेश टिकैत ने अपने एक बयान में कहा कि पुलिस की तरफ से सारी गड़बड़ी की गई, तय रूट पर नाकेबंदी करने से किसान भ्रमित हो गए। उन्होंने कहा कि पुलिस की तरफ से ही लाठीचार्ज किया गया और गोले छोड़े गए, जिससे मामला बिगड़ा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर कुछ लोग गलत हरकतें कर रहे हैं।
वहीं एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि आंदोलन हमारे वश में हैं, हमें पता है कि आंदोलन में गड़बड़ करने की कोशिश करने वाले चिह्नित हैं। उन्होंने कहा कि वे पॉलिटिकल पार्टी के लोग जो आंदोलन को खराब करना चाहते हैं। टिकैत ने यह भी माना कि आंदोलन में कुछ अराजक तत्व भी शामिल हो गए हैं।
गौरतलब है कि किसानों ने आईटीओ में तोडफ़ोड़ की और पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया। मुकरबा चौक पर किसानों की पुलिस के साथ झड़प हुई और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। इसके साथ अक्षरधाम के पास भी किसानों को आगे बढऩे से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस की गोले छोड़े। किसानों ने सिंघु बॉडर्र में पास पुलिस द्वारा तय समय से पहले जबरन बैरिकेड तोड़कर आगे बढऩे की कोशिश की।
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