सत्यखबर, जयपुर
हरियाणा व पंजाब के कांग्रेस पदाधिकारियों के बदलाव के बीच ही खबर आई है कि राजस्थान में भी कांग्रेस में विरोध के सुर उभरने लगे हैं। दरअसल पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आने पर एक बार फिर विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं होने पर नाराजगी जताई है। पायलट ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए हैं।
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पायलट ने कहा कि मुझे समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी, लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए रात.दिन मेहनत की और अपना सब कुछ लगा दिया, उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है।
वहीं पायलट ने कहा कि मुझे विश्वास है कि अब और ज्यादा देरी नहीं होगी। जो चर्चाएं की थीं और जिन मुद्दों पर आम सहमति बनी थी उन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसा होगा मुझे लगता है। मुझे सोनिया गांधी पर पूरा विश्वास है उनके आदेश पर ही कमेटी बनी थी। अभी कमेटी में दो सदस्य हैं। उपचुनाव और पांच राज्यों के चुनाव थे, वे भी खत्म होने को हैं तो मुझे नहीं लगता कि अब कोई ऐसा कारण है कि उस कमेटी के फैसलों को लागू करने में और देरी होगी।
वहीं सचिन पायलट के इस ताजा ब्यान से एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गर्मा गई है। सचिन पायलट का ब्यान ऐसे वक्त आया है जब उनके एक समर्थक हेमाराम चौधरी ने इलाके के विकास कामों की अनदेखी के मुद्दे पर 18 मई को ही इस्तीफ ा दे दिया था। जबकि दो दिन पहले ही सचिन पायलट खेमे के विधायक पीआर मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट की उसके पेश होने के तीन महीने बाद जमकर तारीफ की थी। पीआर मीणा का ब्यान भी मुख्यमंत्री खेमे की तरफ से जारी करवाया गया। अब सचिन पायलट का ताजा ब्यान ने उनकी नाराजगी को खुलकर सामने रख दिया है।
पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद 11 अगस्त को कांग्रेस ने केसी वेणु गोपाल, अहमद पटेल और अजय माकन को शामिल करते हुए एक कमेटी बनाई थी। इस सुलह कमेटी का काम सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की मांगों को सुनकर उसके आधार पर हाईकमान को रिपोर्ट देना था। कमेटी के एक मेंबर अहमद पटेल का देहांत हो चुका है। इस कमेटी को बने 10 माह बीत चुके हैं लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट का कुछ अता पता नहीं है।
जबकि सचिन पायलट ने उस वक्त कहा था कि यह कमेटी तत्काल रिपोर्ट देगी और उस पर एक्शन होगा। अब मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से पायलट खेमे का सब्र जवाब दे रहा है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि सचिन पायलट समेत उनके समर्थक विधायक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व कमेटी की रिपोर्ट का काफी इंतजार कर चुके हैं। फिलहाल पार्टी हाईकमान के बाहर होने के कारण वह यहां हैं नहीं तो कब के दिल्ली पहुंच गए होते।
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