सत्य खबर, चण्डीगढ़
हरियाणा में मचे सियासी माहौल में अब जाकर कुलदीप बिश्नोई की एंट्री हो गई है। उन्होंने कहा है कि पार्टी अंतरात्मा की आवाज से बड़ी होती है। अगर ऐसा माना जाए तो क्या कुलदीप कार्तिकेय शर्मा को वोट करने जा रहे हैं। क्योंकि उनकी अंतरात्मा की आवाज इस समय ये कह रही होगी कि वो हुड्डा खेमे को न जितने दें। यही वजह है कि जब से कांग्रेस ने हुड्डा खेमे को हरियाणा की कमान दी है। कुलदीप बिश्नोई का कहीं भी अता पता नहीं था। कुलदीप को कांग्रेस विधायकों के साथ रायपुर जाना था, लेकिन वो नहीं गए। इसकी वजह पार्टी से नाराजगी है या फिर कुछ और इस पर उन्होंने मीडिया के सामने आकर बात की । उन्होंने यह तो नहीं बताया कि वो अजय माकन के पक्ष में जाएंगे या फिर निर्दलीय कैंडिडेट कार्तिकेय शर्मा के साथ, लेकिन रायपुर गए विधायकों को नसीहत जरूर दी कि वोटिंग के वक्त अपनी अंतरात्मा की सुनें।
वहीं रणदीप सुरजेवाला को लेकर कुलदीप बिश्वनोई ने कहा कि वो अच्छे नेता हैं। उनका राज्यसभा में जाना अच्छी बात होगी। राजस्थान के विधायकों से उनका अनुरोध है कि वह रणदीप सुरजेवाला को जिताए। हरियाणा के विधायकों को एक बात कहूंगा कि वो अपनी अंतरात्मा की सुनें। मैं कांग्रेसी हूं, मेरे पिता जी कांग्रेस के सच्चे सेवक थे। मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। कहीं और जाने का सवाल ही नहीं है। राहुल गांधी के विजन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाऊंगा, 8 या 9 तारीख को उनसे मेरी मुलाकात हो सकती है। उदयपुर में चिंतन शिविर में टिकट कटने पर उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले से खुश नहीं था। हरियाणा के राज्यसभा सीट को लेकर क्या करेंगे। इस पर बिश्नोई ने कहा कि मैंने कोई फैसला नहीं किया है। वोट डालूंगा अपनी अंतरात्मा की सुनकर वोट करूंगा, किसी के कहने पर नहीं।
हरियाणा चुनाव को लेकर कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि अगर हाल में चुनाव हों तो हंग असेंबली के चांसेस ज्यादा हैं। ये चिंता का विषय है क्योंकि जहां भी हंग असेंबली होती है। वहां बीजेपी को फायदा होता है। इससे बचने के लिए कांग्रेस पार्टी को कुछ ऐसे सख्त कदम उठाने पड़ेंगे, जिससे लोगों को लगे कि कांग्रेस सरकार बना सकती है, लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है। इसलिए कांग्रेस को रिवर्स डिसीजन भी लेना चाहिए। अगर जरूरत पड़े। वहीं हालांकि अभी भी रायपुर में कुल 28 विधायक ही हैं। कुलदीप बिश्नोई दिल्ली पहुंच चुके हैं। लेकिन कांग्रेस आलाकमान के साथ मीटिंग होगी या नहीं। ये तो बाद में पता चलेगा लेकिन दो विधायक अभी भी लापता हैं। इससे कांग्रेस आलाकमान परेशान हैं।
दूसरी तरफ निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को भी महज 3 विधायक ही चाहिए। सिर्फ कुलदीप बिश्नोई के साथ आने से अजय माकन की राह आसान होती नहीं दिख रही है। कुलदीप बिश्वनोई साथ आ भी गए तो विधायकों की संख्या 29 पहुंच पाएगी जबकि राज्यसभा सीट के लिए कुल 31 विधायकों का समर्थन अजय माकन को चाहिए। 2 अभी भी कम हैं इसलिए कांग्रेस को डर सता रहा है कि नाराज किरण चौधरी और चिरंजीव राव उनका खेल बिगाड़ सकते हैं।
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