सत्य खबर, नई दिल्ली
पोर्न फिल्मों के कारोबारी राज कुंद्रा ने 2 साल में अपने ऐप के यूजर्स 3 गुना और मुनाफा 8 गुना बढ़ाने का प्लान बनाया था। वह अपनी 119 फिल्मों का पूरा कलेक्शन 8.84 करोड़ रुपए में बेचना चाहता था। उसके एक ऐप पर पाबंदी लग गई, तो उसने दूसरा ऐप भी बनवा लिया था। कुंद्रा डिजिटल मीडिया से अवैध तरीके से पैसा कमाने के सारे पैंतरे आजमा रहा था। जब भंडाफोड़ हुआ तो उसने कुछ डेटा डिलीट करके अपने आप को बचाने की कोशिश की, पर मुंबई पुलिस की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दिए गए ब्योरे से पता चलता है कि राज का यह पैंतरा नाकाम रहा।
राज कुंद्रा तक पुलिस कैसे पहुंची?
बीते फरवरी में मड आईलेंड में पुलिस ने छापा मारा और पोर्न रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस केस में टीवी एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ का नाम सामने आया। पुलिस को गहना से राज कुंद्रा की कंपनी विहान इंटरप्राइज में काम कर रहे उमेश कामत के बारे में पता चला।
उमेश राज कुंद्रा के लंदन स्थित बहनोई प्रदीप बख्शी को सारे वीडियो एक शेयरिंग एप्लिकेशन से भेजता था। प्रदीप कंपनी केनरीन के ऐप पर सारे वीडियो अपलोड करता था। उमेश यह ट्रांसफर राज के ऑफिस से ही करता था।
चार्जशीट के मुताबिक, उमेश के मोबाइल से ‘हॉटशॉट’ ऐप का अकाउंट और ‘हॉटशॉट’ टेकन डाउन नाम के दो वॉट्सऐप ग्रुप के बारे में पता चला। इन दोनों ग्रुप का एडमिन भी राज ही था।
राज और उसकी कंपनी के आईटी हेड रयान थारप, उमेश, प्रदीप बख्शी और दूसरे कर्मचारियों के बीच ‘हॉटशॉट’ और ‘बोली फेम’ ऐप के कंटेंट पर काम करने वालों को पेमेंट, गूगल और एपल की तरफ से पेमेंट, यूजर्स रेवेन्यू के बारे में वॉट्सऐप ग्रुप में चैट हुई थी, मेल भेजे गए थे। आय का ब्योरा आदि स्टोर किया गया था।
यह सब हाथ लगने से पता चला कि राज ही सारे रैकेट का मास्टरमाइंड है, वह प्रदीप बख्शी के जरिए अश्लील वीडियोज अपलोड करवाता था और उसके बदले में पैसा कमाता था।
सबूत मिटाने की कोशिश
राज जानता था कि उसका काम गैरकानूनी है और वह फंस सकता है। इस बात का सबूत यह है कि उसने बहुत सारा डेटा डिलीट करने की कोशिश की थी। गूगल प्ले और एपल स्टोर ने ‘हॉटशॉट’ ऐप पर पोर्न कंटेंट होने की वजह से उसे प्रतिबंधित कर दिया था। उसके बाद राज ने दूसरा ऐप ‘बोली फेम’ बनवा लिया था, पर उसने ‘हॉटशॉट’ का सारा डेटा भी डिलीट करने के लिए अपने IT डिपार्टमेंट को बोल दिया था। इस साल फरवरी में पुलिस केस के बाद राज ने अपने मोबाइल से ‘हॉटशॉट’ ऐप के बारे में वॉट्सऐप मैसेज और चैट भी डिलीट कर दिए थे। रयान थारप के मोबाइल से भी डेटा डिलीट करवा दिया था।
खुद को आरोपी मानने से इनकार, पुलिस को घुमाया
यह सारा डेटा डिलीट करवा के राज ने मान लिया था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाएगी। इसलिए पुलिस ने जब पहली बार नोटिस भेजा, तो राज ने ‘क्या मैं आरोपी हूं, मैं इस लेटर पर सिग्नेचर नहीं करूंगा’ ऐसा कहकर नकार दिया था। चार्जशीट में बताया गया है कि राज ने कभी पुलिस को सही तरीके से उत्तर नहीं दिया। पुलिस कार्रवाई में सपोर्ट भी नहीं किया।
पुलिस ने हर संभव जगह से ढूंढा डेटा
राज के ऑफिस से 24 हार्ड डिस्क जब्त हुई थीं। इसमें 35 फिल्में मिलीं।
और एक कंप्यूटर से 16 फिल्म मिलीं, दूसरे कंप्यूटर से 60 से ज्यादा फिल्में और PPT मिली।
राज और दूसरे आरोपियों के कंप्यूटर और मोबाइल से ऐप के कंटेंट, खर्च, आमदानी और भविष्य के प्लान समेत सारी जानकारियां मिलीं।
ऐप डेवलप करने का खर्च, ओनरशिप ट्रांसफर, गूगल और एप्पल के साथ हुए आर्थिक व्यवहार की सारी बातें भी राज के कर्मचारियों और दुसरे लोगो से पता चली।
राज की वेब ब्राउजिंग हिस्ट्री, फेसटाइम हिस्ट्री और कॉल लोग से भी काफी चीजें खोजी गई और तार जोड़े गए।
कई सारे ईमेल रिकॉर्ड खंगाले गए। जैसे उमेश कामत ने प्रदीप बख्शी को जितने भी ईमेल भेजे थे, वह राज को भी मार्क किए जाते थे।
राज के कर्मचारी ही बन गए साक्षी
पुलिस ने राज की कंपनी विहान इंटरप्राइज में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों को गवाह बनाया है। अकाउंट, IT और दूसरे डिपार्टमेंट में काम करने वाले कर्मचारियों से मिले डेटा और बयानों से राज के पोर्न कारोबार की जानकारी मिली। गूगल प्ले और यूट्यूब के ईमेल से भी कन्फर्म हुआ। राज के ‘हॉटशॉट’ ऐप से पोर्न कंटेंट दिखाया जाता था। गूगल प्ले और यूट्यूब ने ‘हॉटशॉट’ ऐप प्रतिबंधित कर दिया गया था। एपल ने भी अपने स्टोर से यह ऐप हटा लिया था। वह सारे ईमेल पुलिस को हाथ लगे हैं।
वॉट्सऐप चैट से मिली सौदे की जानकारी
राज ने 119 फिल्मों के सौदे के लिए बात चलाई थी। एक वॉट्सऐप चैट में राज ने बताया है कि उसने 119 फिल्मों की लिस्ट भेजी है। यह फिल्मों के बदले में वह 12 लाख डॉलर (8.84 करोड़ रुपए) मांग रहा था। राज ने चैट में यह भी बताया है कि वह जो भेज रहा है, वह पूरी कंटेंट लाइब्रेरी की लिस्ट है।
एक साल में 31, दो साल में 98 लाख ग्राहक चाहता था राज
राज के IT मैनेजर रायन थारप का लैपटॉप बरामद किया गया। उसमें से अगले दो साल के लिए ग्राहक संख्या, कंटेंट कोस्ट, बाकी खर्च और आवक के टारगेट की समरी मिली है। इसमें कंटेट जनरेट करने के खर्च के बारे में बताया गया है। इसलिए माना जा रहा है कि यह किसी ऐप बिजनेस का प्रोजेक्शन है। यह प्रोजेक्शन यूएस डॉलर में है, इसका मतलब यह ऐसे ही कंटेंट के बारे में है, जो विदेश में बेचा जाने वाला था।
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