सत्यखबर, चढ़ीगढ़
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानून ऐतिहासिक कानून हैं, जिनसे किसानों को दशकों से चली आ रही शोषित व्यवस्था से मुक्ति मिलेगी। ये कानून अन्नदाताओं को अपनी उपज को इच्छानुसार मुल्य पर कहीं भी बेचने की आजादी देने वाले कानून हैं।बता दे की यह बात राज्यसभा सांसद डीपी वत्स तथा भाजपा जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र सिंह ने आज यहां बुलाई गई पत्रकारवार्ता के दौरान कही। सांसद वत्स ने कहा कि इन तीनों कानूनों का सबसे बड़ा डर ऐसे राजनैतिक घरानों को है, जो स्वयं कार्पोरेट सेक्टर से जुड़े हैं। ऐसे लोगों को डर है कि यदि किसानों को इन कानूनों के बाद अपनी फसलों को मौल भाव करने का हक मिल गया तो उन्हें बड़ा नुकसान हो जाएगा।
इसलिए कार्पोरेट सेक्टर से जुड़े राजनैतिक घरानों द्वारा किसानों को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही लोगों की पोल खोलने के लिए भारतीय जनता पार्टी विभिन्न स्थानों पर ट्रैक्टर यात्राएं निकालेगी। इसी कड़ी में शुक्रवार 9 अक्टूबर को हांसी में टैक्टर यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसकी अगुवाई हिसार लोकसभा क्षेत्र के सांसद बृजेंद्र सिंह तथा वे स्वयं करेंगे। इस यात्रा के माध्यम से भ्रम फैला रहे विपक्षी दलों की पोल खोलने के साथ ही कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए कानूनों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी किया जाएगा।सांसद वत्स ने कहा कि 70 सालों का इतिहास यदि देखा जाए तो किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही थी। किसानों के बाजार को सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित कर दिया गया, ताकि सीमित खरीददार उनकी फसलों को औने-पौने दामों पर खरीदते रहें। बुनियादी ढांचे की कमी व मुल्यों में पारदर्शिता न होने के कारण किसानों का शोषण होता रहा। उन्हें अधिक परिवहन लागत, लंबी कतारों, फसल बिक्री में देरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
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