सत्यखबर
भारत को रूस की कोविड 19 वैक्सीन स्पुतनिक वी की पहली खेप 1 मई को मिलेगी। इस बात की जानकारी रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने दी। हालांकि अभी तक ये नहीं पता चला है कि पहले बैच में कितनी डोज होंगी।बता दें कि कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या ने न केवल भारत को परेशान कर दिया है बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं। इसके साथ ही दवाइयों की किल्लत से सभी लोगों की परेशानी बढ़ गई है। भारत सरकार का कहना है कि वो लगातार इस हालात से निपटने की तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे वक्त में रूस की वैक्सीन काफ ी मददगार हो सकती है। हालांकि इसके अलावा ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका ने भी भारत को मदद का भरोसा दिया है। इन देशों ने भारत को तत्काल चिकित्सा सहायता भेजने का वादा किया है।
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यही नहीं ब्रिटेन 100 वेंकटलेटर तथा 95 आक्सीजन कंस्ंट्रेटर आज ही भारत पहुंच गए हैं। ऐसे में उम्मीद यही है कि अन्य देशों से भी शीघ्र सहायता पहुंच जायेगी तथा भारत के हालात सामान्य होने लगेंगे। वहीं मिली जानकारी के अनुसार रूस पहले ही भारत के साथ वैक्सीन की एक साल में 850 मिलियन से अधिक खुराक के लिए पांच प्रमुख भारतीय निर्माताओं के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है। वैक्सीन की विश्व स्तर पर मार्केटिंग करने वाले आरडीआईएफ ने कहा है कि हमें यह उम्मीद कर है कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन गर्मियों तक 50 मिलियन डोज तक पहुंच जाएगा और आगे भी बढ़ता रहेगा। जिसके बाद शायद भारत न केवल अपने लिए आत्मनिर्भर होगा बल्कि दूसरे देशों को भी वैक्सीन देने में सक्षम होगा।
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