सत्यख़बर डेस्क
उत्तराखंड के सबसे बड़े तीर्थ स्थल हरिद्वार में महाकुंभ मेले में आज तीसरा शाही स्नान है। तब भिक्षुओं ने सुबह हरकीपौड़ी घाट पर आस्था की डुबकी लगाई। वैशाखी का शाही स्नान कुंभ मेले में चार शाही स्नान में सबसे बड़ा माना जाता है। वर्ष 2010 के महाकुंभ के समय वैशाखी के शाहिस्नान के समय लगभग 1 करोड़ 60 लाख लोग उपस्थित थे। इस साल छह लाख लोग हरिद्वार में अब तक स्नान कर चुके हैं।
कुंभ मेला प्रशासन के अनुसार, कुंभ का तीसरा शाही स्नान बुधवार वैशाखी पर सुबह 10.15 बजे से शाम 5.30 बजे तक होगा। हरिद्वार मेला प्रशासन ने तीसरे शाही स्नान में साधु- भिक्षुओं के लिए नए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। इसके तहत सुबह सात बजे के बाद का समय हरकि की पौड़ी अखाड़े के लिए आरक्षित होगा। ऐसे में श्रद्धालु सुबह सात बजे तक स्नान कर सकेंगे।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, शंकराचार्य चौक से चंडी घाट और हरकी पौड़ी घाट तक सामान्य वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रहेगी। वहीं संतों के शाही स्नान तक पैदल मार्ग पर बने ब्रह्मकुंड को आम लोगों के लिए बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान आम श्रद्धालु आसपास के घाटों पर स्नान कर सकते हैं।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि 14 अप्रैल महाकुंभ 2021 का सबसे बड़ा दिन है। इसके लिए पुलिस की तैयारी पूरी कर ली गई है। स्नान के दौरान स्थानीय लोग और भक्तों को कोई परेशानी न होने देंगे। उन्होंने कहा कि सामान्य श्रद्धालुओं के लिए पहाड़ी बाईपास शुरू किया गया है। जो 30 अप्रैल तक लगातार खुला रहेगा।
यह महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान है जो कोविड-19 के कारण एक महीने की अवधि तक सीमित रहा है। इससे पहले 1 मार्च को महा शिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ का पहला शाही स्नान किया गया था। इसके बाद 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का दूसरा शाही स्नान किया गया।
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