सत्यखबर, सिवानी, सतीश खतरी
लॉकडाउन में ढील मिलते ही सरकार ने सड़कों के निर्माण का काम तेजी से शुरू दिया है। दो माह के करीब बंद रहने के बाद इस्माइलाबाद के गांव गंगहेड़ी से नारनौल तक मंजूर किए गए 230 किलोमीटर लंबे सिक्स लेन नेशनल हाइवे का निर्माण फिर से तेजी से शुरू किया गया है। जानकारी देते हुए खेल मंत्री स. संदीप सिंह ने कहा कि नई सड़कों के निर्माण को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्या कुमारी तक बेहतरीन सड़कें बनाकर एक भारत अखंड भारत का लक्ष्य छूना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसे पूरा करने के लिए सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में तेजी से काम किए जा रहे हैं।
मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि जिला कुरुक्षेत्र से शुरू होकर नारनौल बाइपास तक यह हाइवे 8 जिलों को कवर करेगा। डेरा टाली फार्म के निकट पिहोवा कुरुक्षेत्र स्टेट हाइवे के ऊपर से एनएच 152डी गुजरेगा। इसे जाेड़ने के लिए यहां जंक्शन बनाया जाएगा। जिससे कुरुक्षेत्र और पिहोवा की तरफ से आने वाले वाहन इस नए हाइवे पर एंट्री कर सकेंगें। सर्विस लेन के जरिए ओवर ब्रिज को स्टेट हाइवे से कनेक्ट किया जाएगा। ढांड कुरुक्षेत्र रोड पर भी ऐसा ही जंक्शन बनाकर कुरुक्षेत्र कैथल रोड को हाइवे 152डी से कनेक्ट किया जाएगा। खेल मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना के तहत ट्रांस हरियाणा ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में इस परियोजना को शामिल किया गया है। इसे साउथ कॉरिडोर का नाम दिया गया है। लगभग 230 किलोमीटर लंबे इस सिक्स लेन हाइवे का आठ लेन तक विस्तार करने की भविष्य की योजना को भी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इसलिए शुरू से ही ज्यादा भूमि का अधिग्रहण किया गया है। विधायक संदीप सिंह के मुताबिक इससे उनके पिहोवा हलके के इस्माइलाबाद की तरफ गांव गंगहेड़ी, छज्जूपुर, तलहेड़ी, चनालहेड़ी, सारसा, मुर्तजापुर, रुआं आदि जुड़ेंगें। इन गांवों से नया हाइवे गुजरने के चलते यहां रोजगार के अवसर भी बढेंगे। यहां से होते हुए यह हाइवे करनाल की तरफ निकलेगा।
मिट्टी डालने का काम शुरू: सागर
निर्माण कार्य में लगी पंजाब की पंजाब की सीगल इंडिया लिमिटेड कंपनी के एचआर अधिकारी सागर ने बताया कि पहले चरण में मिट्टी डालने का काम पूरा किया जा रहा है। साथ ही गांवों के लिंक रोड के ऊपर से क्रासिंग चेनल बनाए जा रहे हैं। बता दें कि सरकार द्वारा एनएच एक्ट 1956 की धारा तीन ए के तहत भारत सरकार का राजपत्र जारी करते हुए राजस्व विभाग के रकबे के तहत आने वाले किसानों के खेतों के नंबर जारी करते हुए मुआवजा वितरित किया जा चुका है। हाइवे को पूरा करने के लिए तीन साल का समय निर्धारित किया है। हाइवे इतनी आधुनिक तकनीक से बनेगा कि आपात स्थिति में यहां वायुसेना के विमानों की लेंडिंग भी कराई जा सकेगी। हाइवे से जिला कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के लोगों को फायदा होगा। नारनौल बाइपास पर इस हाइवे को एनएच 48बी से जोड़ा जाएगा।
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