सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
कोरोना संकट के समय लगे लॉक डाउन में नरवाना डीएसपी जगत सिंह मोर एक बार भी घर नहीं जा पाए। वे सुबह 8 बजे ही शहर, देहात या पंजाब बॉर्डर पर लगे नाकों पर निकल जाते हैं और रात को 9 बजे अपने निवास स्थान पर वापस पहुंचते हैं। दिनचर्या में इतनी मेहनत का कारण बताते हुए वे कहते हैं कि पुलिस को पब्लिक का लगभग 98 प्रतिशत सहयोग मिला हुआ है और इसी सहयोग से उन्हें और अधिक ऊर्जा मिलती रहती है। यही कारण है कि इस एरिया में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिल पाया है। लॉक डाउन को सफल बनाने में सामाजिक संस्थाओं के योगदान को भी वे अहम मानते हैं, जो गरीब व जरूरतमंद बस्तियों में खाना तथा राशन पहुंचाने में लगी हैं। बस, फसल सीजन के समय किसानों का आवागमन बेशक बढ़ा है, मगर वहां भी सामाजिक दूरी की अनुपालना की जा रही है। इतने दिनों तक घर ना जाने बारे उन्होंने कहा कि परिवार से टेलीफोन पर बात हो जाती है और वे भी लॉक डाउन की बात को महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि फिर पुलिस कीं नौकरी तो एक मुसाफिर की तरह है, आज यहां तो कल वहां। लॉक डाउन का पालन करना और करवाने को उन्होंने पुलिस की जिम्मेदारी बताया, तो इसे पब्लिक का नैतिक फर्ज भी।
बाहर से आने वालों के लिए है निषेध
जींद जिले में बाहर से आने वालों के लिए निषेध है। इसके लिए उपायुक्त डा. आदित्य दहिया तथा डीआईजी अश्विन वैष्णवी भी पंजाब बॉर्डर पर लगाए नाकों का अपडेट करते रहते हैं। उनके आदेशों पर नाकों पर तैनात पुलिस कर्मचारियों के लिए खाना, चाय, मॉस्क, सेनेटाइजर आदि ठीक तरह से पहुंचाए जा रहे हैं। समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी स्कैनिंग भी की जाती है। लॉक डाउन में अपराधों पर भी अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने 30899 लीटर लाहन, 1571 देशी व अंग्रेजी शराब बोतल, 49 अफीम के पौधे, 23 ग्राम हीरोइन तथा शराब बनाने वाली चलती भठ्ठी पकड़ी हैं। इसके अतिरिक्त नशे का कारोबार करने वाले वाहनों मोटर साइकिल, स्कूटी, आई-10 व क्रेटा गाड़ी को भी जब्त किया है, 54 मकद्दमें दर्ज किए गए, जिनके तहत 56 गिरफ्तारियां हुई हैं। लॉक डाउन की पालना ना करने पर 680 वाहनों का चालान किया गया और 145 वाहन इम्पाउंड हुए हैं।
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