सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
भगवान विष्णु के छठे अवतार भृगुकुल में पैदा हुए जमदग्नि रिषी के पुत्र भगवान परशुराम ने सबसे पहले लोकतंत्र स्थापित करने का प्रयास किया। पौराणिक कथाओं में वर्णन आता है कि परशुराम ने इक्कीस बार पृथ्वी को राजाओं से विहीन किया था और जनता को राज -पाट सौंप दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि अकेली लोकशाही भी कामयाब नहीं है और केवल राजशाही भी कामयाब नहीं है। इसलिए उनकी मूरतियों में वे दो उंगलियां उठाए हुए दिखाई देते हैं। आज भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर परशुराम चौक पर शहर के लोगों ने भगवान परशुराम को माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की। शिक्षाविद् डॉ. जगदीप शर्मा राही ने बताया कि इस दौरान फरीदाबाद के उद्योगपति पं. राजेन्द्र शर्मा , महेश शर्मा अत्री, सतीश मोदी और व्यवसायी सूरजमल ग्रेवाल, अभिषेक शर्मा और साहित्यकार डॉ.जगदीप शर्मा राही ने भगवान परशुराम की मूर्ती को माल्यार्पण कर समस्त समाज को भगवान परशुराम की जयंती की बधाई प्रदान की।
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