सत्य खबर,गोहाना
(यजुवेंद्र मेहरा) ठेठ ग्रामीण सीट बरोदा में उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई, लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इसके बावजूद इस सीट के 54 गांवों का हर घर अब चुनावी चर्चा की चौपाल बन गया है। हलके में कोई शहरी कस्बा नहीं है। इसलिए बरोदा में चुनाव होते हुए भी राजनीतिक अखाड़ा गोहाना बना हुआ है। सभी पार्टियों के कार्यक्रम गोहाना में हो रहे हैं और गांवों के किसान शहर की मंडी में तो खरीदार दुकानों पर बरोदा चुनाव की ही चर्चा कर रहे हैं।
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गोहाना की जिस तरह से भूमिका नजर आ रही है, उससे लगता है कि गोहाना की मातुराम वाली जलेबी की भूमिका चुनाव में जरूर रहेगी। वोटरों को जलेबी का स्वाद चखने को मिलेगा। वैसे भी जब तक उम्मीदवारों का Wलान नहीं हो जाता, तब तक चुनावी राजनीति इस जलेबी की तरह ही गोल-गोल घूम रही है। हर पार्टी से दर्जनों ऐसे सफेद कुर्ते पायजामे वाले नेता घूम रहे हैं, जो कह रहे हैं कि चुनाव तो मैं ही लड़ूंगा।
मेरी टिकट बिल्कुल पक्की है, बस आप लोग साथ दे देना, लेकिन यहां के लोग अपना मन किसी भी तरफ का अभी नहीं बना पा रहे हैं। सभी का कहना है कि दुल्हन का मुंह देखे बिना कैसे तय कर लें कि कौन सही होगी और कौन गलत। इसलिए अभी हलके में मुद्दों से ज्यादा इसी बात की चर्चा है कि कौनसी पार्टी से कौनसा नेता मैदान में उतरेगा और कौन अंतिम मौके पर पलटी मार जाएगा।
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गोहाना विस के 15 गांव बरोदा में शामिल:
हरियाणा बनने के बाद वर्ष 1977 और 2009 में परिसीमन हुआ। 2005 तक बरोदा विधानसभा आरक्षित था। 2009 में विधानसभा सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुआ। परिसीमन में बरोदा विधानसभा से केवल सिवानामाल गांव को हटाया गया। यह गांव जींद जिला में आता था। जबकि बरोदा विधानसभा में गोहाना विधानसभा के 15 गांवों को शामिल किया था। इनमें एसपी माजरा, रभड़ा, बली ब्राह्मणान, कटवाल, आंवली, बिलबिलान, भैंसवाल, जसराना, रिवाड़ा, मोई हुड्डा, पुठी, भैंसवान खुर्द, माहरा और रूखी गांव शामिल हैं।
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