सत्यखबर, चढ़ीगढ़
अक्सर फिल्मों में आप ने देखा होगा कि एक बेचारा लावारिस हिरो अचानक से करोड़पति बन जाता है। सोचिये अगर ऐसा असली जिंदगी में किसी के साथ ऐसा हो जाए तो। जिसे आप लावारिस समझकर दया दिखाए वो करोड़ो का मालिक निकल जाए तो।ऐसा हुआ है चंडीगढ़ के सेक्टर-37 निवासी राहुल मेहता के साथ। इनकी कहानी थोड़ी फिल्म से मिलती-जुलती जरुर है लेकिन इनके साथ हुए अत्याचारों को जानकर आपकी भी आंखे भर आयेंगी। करोड़ों की संपत्ति का मालिक राहुल कुछ साल से गुजरात के “अपना घर आश्रम” में रह रहा था।
प्रोपर्टी के लालच में राहुल मेहता के अपनों ने ही उसे इतना प्रताड़ित किया कि वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा। और करोड़ों का मालिक दर-दर भटकते हुए गुजरात में श्रद्धा फाउंडेशन के संपर्क में आया। जहां उसे आवास और इलाज के लिए भरतपुर अपना घर आश्रम भेज दिया।अपना घर आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि राहुल मेहता जुलाई 2018 में आए थे, उस समय वो मानसिक रूप से बीमार थे। पिछले तीन महीने से चंडीगढ़ पुलिस लगातार जांच के लिए आ रही थी और अब राहुल मेहता को साथ लेकर गई है।
जांच में पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने राहुल मेहता की बीमारी और अकेलेपन का फायदा उठाकर पहले उनसे जान-पहचान बढ़ाई, फिर मारपीट कर कोठी की पहली मंजिल पर कब्जा कर लिया।यहीं नहीं अपने ही घर में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया और खाली कागजात व चेक पर हस्ताक्षर करने के बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में ले गए और यातनाएं दीं। जब राहुल पूरी तरह से अपना मानसिक संतुलन खो चुके थे उस समय उन्हें गुजरात के भुज में एक आश्रम में छोड़ आए।एसआईटी ने एएसपी साउथ श्रुति अरोड़ा की अगुवाई में एक शिकायत की जांच की। आरोप था कि संजीव महाजन ने बाउंसर सुरजीत के साथ मिलकर प्रॉपर्टी पर कब्जा किया। कोठी मालिक राहुल मेहता को उसी के घर में बंधक बनाकर रखा और फिर गुजरात भुज आश्रम में छोड़ दिया।
इसके बाद किसी और को राहुल मेहता बनाकर कोठी की रजिस्ट्री करवाई गई। इस मामले में एसआईटी ने पत्रकार संजीव महाजन, शराब ठेकेदार अरविंद सिंगला, सतपाल डागर, खलेंद्र सिंह कादियान, अशोक अरोड़ा, मनीष गुप्ता, सौरभ गुप्ता, शेखर, दलजीत सिंह और सुरजीत के खिलाफ भी 15 गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। सुरजीत की पिछले दिनों हत्या हो चुकी है।भारद्वाज ने बताया कि राहुल मेहता को साल भर पहले भी पुनर्वास की कोशिश की गई थी। लेकिन उनके परिवार में कोई नहीं था और जब उनके घर गए तो वहां लोगों ने राहुल को पहचाने से इनकार कर दिया। लेकिन वहीं के किसी व्यक्ति ने राहुल मेहता को पहचान लिया और इस मामले की शिकायत पुलिस में की।
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