सत्य खबर,भोपाल
क्राइम ब्रांच भोपाल ने ड्रग्स सप्लायर देवर-भाभी गैंग को 10 किलो चरस के साथ पकड़ा है। गैंग की सरगना महिला है। उसके अलावा देवर समेत दो और लोग पकड़े गए हैं। अब तक की पुलिस जांच में पता लगा है कि देवर-भाभी को नेपाल का तस्कर ड्रग्स पहुंचाता था। इसे गिरोह मुंबई के तस्करों को सप्लाई करता था। मुंबई के वीआईपी एरिया और हाई प्रोफाइल पार्टियों तक ड्रग्स पहुंचाई जाती थी। पुलिस इनका बॉलीवुड लिंक भी खंगाल रही है।
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पुलिस ने गैंग को तब पकड़ा, जब सभी ऑटो से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (हबीबगंज) जाने के लिए निकले थे। तस्करों को मुंबई की ट्रेन पकड़नी थी। इससे पहले धर लिए गए। पुलिस ने बरामद चरस की कीमत 5 करोड़ रुपए बताई है। पुलिस को आशंका है कि चरस अफगानिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत में भेजी जा रही होगी। गिरफ्तार महिला विधवा है। पति की मौत के बाद वह खुद उसके काले धंधे को संभालने लगी।
एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस ने घेराबंदी कर जिंसी चौराहे के पास ऑटो को रोका। ऑटो में बैठे व्यक्ति ने अपनी पहचान अंधेरी वेस्ट (मुंबई) निवासी शाहिद (44), साथ में बैठी महिला ने अपनी पहचान जुलेखा डीएन नगर अंधेरी वेस्ट बताया। दोनों देवर-भाभी हैं। शाहिद के बैग की तलाशी लेने पर तीन पैकेट में चरस मिली। जुलेखा के कंधे पर टंगे बैग में 1 किलो 480 ग्राम चरस मिली। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने चरस की दलाली करने वाले बबलू उर्फ शाहिद के पास से 265 ग्राम, वीर बहादुर गिरी के पास से 6.700 किग्रा चरस बरामद की।
आरोपियों का तस्करी में क्या रोल?
जुलेखा सिद्दीकी: उम्र 48 साल। निवासी- याकूब ड्राइवर सोलापुर चाल कामा रोड, गांव देवीडोंगरी उस्मानिया डोंगरी, थाना डीएन नगर अंधेरी वेस्ट मुंबई। अनपढ़ है। पति अब्दुल कलाम सिद्दीकी की मौत के बाद चरस की तस्करी में लग गई।
शाहिद: उम्र 44 साल। निवासी- याकूब ड्राइवर सोलापुर चाल कामा रोड, गांव देवीडोंगरी उस्मानिया डोंगरी, थाना डीएन नगर अंधेरी वेस्ट मुंबई। अनपढ़ है। भाभी जुलेखा के साथ मिलकर तस्करी करता था।
बबलू उर्फ शाहिद अली: उम्र 40 साल। निवासी- बैतूल। भोपाल में मॉडल ग्राउंड थाना शाहजहांनाबाद में रहता है। नेपाली तस्कर से इसके पास चरस की खेप पहुंचती है। इसके बाद वह आगे की सप्लाई देता है। दिखावे के लिए कानपुर से लेदर की बेल्ट लाकर बेचता है।
वीर बहादुर गिरी: उम्र 45 साल। निवासी- शिवराजपुर थाना नौतन जिला पश्चिम चंपारन, बिहार। चौथी तक पढ़ा है। कारपेंटरी का काम करता है।
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