सफीदों क्षेत्र में यूरिया खाद को लेकर मचा हाहाकार, किसान परेशान
किसानों ने अधिक कीमत लेने व पैस्टीसाईड थोपने के लगाए आरोप
सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: सफीदों क्षेत्र में यूरिया खाद को लेकर भारी हाहाकार मचा हुआ है। विडंबना यह है कि धरतीपुत्र अन्नदाता किसान को कई-कई घंटे लाईन में लगकर पुलिस के पहरे के बीच यूरिया खाद खरीदनी पड़ रही है। यूरिया की भारी किल्लत को लेकर क्षेत्रभर के किसानों में भारी रोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि सफीदों क्षेत्र में यूरिया खाद की भारी किल्लत है और किसान यूरिया खाद को पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। वे हर रोज मंडी में आते हैं और खाद ना मिलने की सूरत में सांय को वापिस अपने घर लौट जाते हैं और यह सिलसिला पिछले काफी दिनों से चला हुआ है। उन्हें आज सफीदों की पुरानी मंडी में यूरिया खाद आने की खबर मिली थी तो वे यहां पहुंचे थे। वे सुबह 7 बजे की लाइन में खड़े हैं और दोपहर बाद उन्हें सिर्फ 5 घंटे यूरिया ही प्राप्त हुआ। यूरिया लेने के लिए कभी उन्हे आधार कार्ड जमा करवाने, कभी पैसा जमा करवाने तो कभी पर्ची कटवाने के लिए इधर-उधर भारी मशक्कत करनी पड़ी। कई स्तर पर परेशान होने के बाद उन्हें 5-5 कटे यूरिया ही प्राप्त हुए हैं।
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उनका कहना था कि किसान को यूरिया खाने के लिए नहीं बल्कि अपने खेतों में डालने के लिए जरूरत है। अगर खेत में खाद डलेगी तभी वहां से उपज पैदा होगी और देश के लोगों का किसान पेट भर पाएगा। हालात यह है कि इस देश का पेट भरने वाले किसान तो खाद के लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। प्रशासन के पास जाते हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं है। किसानों का कहना था कि यूरिया के लिए ब्लैक मार्कीटिंग चली हुई है। जिसके पास भी खाद आता है वह मनमाने तरीके से खाद वितरण करता है। अपने चेहते लोगों को चोर रास्ते से खाद दी जा रही है। काफी किसानों पर खाद के साथ पैस्टीसाईड लेने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। सफीदों क्षेत्र में यूरिया खाद की ब्लैक मार्केटिंग चल रही है और किसानों को हर ओर से लूटना पड़ रहा है। एक तरफ तो वह खाद के साथ पैस्टीसाईड खरीदे तथा दूसरी ओर उनसे खाद की कीमत भी अधिक वसूली जा रही है। पांच बैग यूरिया का रेट 1325 रुपए बनता है लेकिन उनसे 50 रूपए अधिक 1350 रुपए लिए जा रहे हैं। किसानों का कहना था कि पहले उन्हें यूरिया बहुत आसानी से मिल जाया करता था लेकिन वर्तमान में स्थिति अत्यंत विकट बनी हुई है। अगर उन्हे समय पर खाद प्राप्त नहीं हुआ तो उनकी फसलें खराब हो जाएगी। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह यूरिया का खुले रूप से वितरण का इंतजाम करें ताकि किसानों की फसलें भी ठीक रहे तथा बाजार से ब्लैक मार्किटिंग भी बंद हो।
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