सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान):-
कहते हैं कि दुल्हन ही सबसे बड़ा दहेज है और इसी उक्ति को चरितार्थ करते हुए एक युवक ने बिना दहेज लिए शादी कर एक मिसाल कायम की है। गांव दनौदा निवासी स्व. इंद्र सिंह के पुत्र सुप्रीम कोर्ट में जेसीए के पद पर कार्यरत मनजीत नैन ने गांव घासो खुर्द निवासी नोटरी वकील रहे स्व. राजपाल दमाड़ा की बेटी एकता के साथ सात फेरे लेकर विवाह-बंधन में बंध गए। मनजीत नैन ने दहेज के सामान को ठुकराते हुए केवल एक रूपया का शगुन लेकर रिश्ता सहर्ष स्वीकार किया। उन्होंने शादी समारोह में उपस्थित सभी परिवारजनों को दहेज न लेने व न देने की शपथ दिलवाई। मनजीत नैन ने कहा कि रिश्ते दिल से जुड़ते हैं, पैसों से नहीं। दहेज जैसी कुप्रथा से समाज में लड़के व लड़कियों में भेदभाव किया जाता है तथा लिंगानुपात भी बिगड़ता है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए आगे आना चाहिए। उनका सपना था कि उनकी शादी बिना दान-दहेज के हो, ताकि समाज में सकारत्मक संदेश जाए तथा लोग लड़कियों को बोझ न समझें। इस पर मौजूद लोगों ने मनजीत की इस पहल की सराहना करते हुए समाज को जागरूक करने का बीड़ा उठाया।
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