सत्यखबर,जींद
शराब घोटाले की जांच कर रही एसईटी को कोई भी अतिरिक्त पावर नहीं मिलेगी। एलआर से लौटी फाइल पर अब एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कानूनी अध्ययन के बाद कह दिया कि इस स्पेशल एंक्वारी टीम को सीआरपीसी की सेक्शन-32 की पावर कानूनन नहीं दी जा सकती है। सीनियर आईएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता वाली टीम केवल रिकॉर्ड मिलान पर आधारित अपनी रिपोर्ट दे पाएगी,क्योंकि इसके पास किसी से पूछताछ करने, सम्मन जारी करने या किसी को तलब करने की कोई पावर नहीं है। टीम को सेक्शन-32 की पावर देने के लिए गृहमंत्री अनिल विज ने होम सेक्रेट्री विजय विर्धन को पत्र लिखा था। वर्धन ने एलआर के बाद एजी से राय ली तो, उन्होंने रिपोर्ट दी कि सेक्शन-32 की पावर नहीं दी जा सकती। यह टीम अब मालखानो में स्टॉक तक की ही जांच कर पाएगी। शराब ठेकों को लेकर भी एक्साइज डिपार्टमेंट से रिपोर्ट ली गई है। एसईटी केवल इतना बता सकती है कि किस एफआईआर पर पुलिस की कहां तक जांच पहुंची है, लेकिन वह यह नहीं जान पाएगी कि जांच इतनी ही क्यों हुई। या शराब तस्करी के पीछे और कौन लोग थे। हालांकि आरोपी के खिलाफ एफआईआर की सिफारिश कर सकती है। गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि एसईटी को और पावर देने को लिखा था, लेकिन कानूनी राय ली तो एजी ने रिपोर्ट दी कि एसईटी को कानूनी अधिकार नहीं दिए जा सकते हैं।
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