हरियाणा। प्रदेश के शराब घौटाले में नया मोड़ सामने आया है और इस मामले में खुद को मुख्य शिकायतकर्ता बताने वाला सतीश कुमार नाम का व्यक्ति अब मीडिया के सामने आया है। चंडीगढ़ पहुंचे सतीश कुमार ने कहा कि शराब का यह छोटा मामला नहीं है और इसमे बड़े नाम शामिल है।इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। सतीश कुमार का आरोप है कि उसी ने इस मामले की शिकायत कर पूरे मामले को उजागर किया जबकि अब उसी पर शराब तस्करी का मामला दर्ज कर दिया गया है। सतीश कुमार ने पुलिस पर इस मामले में मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच किसी स्वायत एजेंसी से करवाने की मांग की। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी निर्दोष व्यक्ति से ज्यादती नही होने दी जाएगी,अगर कोई दोषी होगा तो बक्शा नही जाएगा।विज ने कहा कि जांच में लगी टीम निष्पक्ष कार्यवाही करेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई शिकायत देनी है तो एस ई टी को दे सकतें हैं।उधर इस पूरे मामले में एसआईटी इंचार्ज डीएसपी जितेंद्र कुमार का कहना है कि खरखौदा थाने में सतीश के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है,उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें रेड कर रही हैं| इसलिए अब वो कोई भी आरोप लगाए, या सफाई दे। गिरफ्तारी तो होकर रहेगी|
सोनीपत निवासी सतीश कुमार ने बताया कि इस मामले में अब तक जो भी ऑडियो वीडियो प्रशासन के माध्यम से वायरल हुये है वे सब उसी के भेजे हुए है। जबकि इस मामले की शिकायत उसी ने सबसे पहले 27 अप्रैल को सोनीपत के पुलिस अधीक्षक से की थी।जिन्हें उसने शराब गोदाम से हो रही शराब तस्करी के बारे में जानकारी दी। जिसमे उसने पुलिस अधीक्षक को बताया कि उनका एसएचओ इस तस्करी में शामिल है।लेकिन जब इसपर कोई कार्यवाही नही हुई तो उसने 29 अप्रैल को मामले से जुड़ी वीडियो प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों को भेजे। जिसके बाद पूरा मामला उजागर हुआ।
सतीश ने कहा कि वह इस मामले का शिकायतकर्ता है जबकि अब दवाब बनाने के लिए उसे ही इस मामले में आरोपी बना दिया गया है जिसमे उसका नाम इस मामले के आरोपी भूपिंदर सिंह के साथ जोड़ दिया गया। सतीश ने बताया कि उसने मामले की शिकायत हरियाणा पुलिस के आला अधिकारियों को व्हाट्सएप्प कर जरिये दी है।जबकि उसने इस बारे मे सीएम मनोहर लाल सहित ग्रह मंत्री अनिल विज को भी ई-मेल के माध्यम से शिकायत दी है। सतीश कुमार ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच सोनीपत और रोहतक पुलिस से न करवाकर किसी अन्य जांच एजेंसी से करवाई जाए, क्योंकि इस मामले में पुलिस खुद शामिल है। जबकि पुलिस खुद ही मामले की जांच कर रही है। उसने कहा कि उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाकर उसे भी जांच में शामिल किया जाना चाहिए। सतीश ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुय कहा कि इस मामले में शामिल एसएचओ जसबीर सिंह अभी तक कैसे फरार है। जबकिं अगर वह पकड़ा जाता है तो इसमे शराब मामले से जुड़े कई बड़े राज और नाम उजागर होंगे,इसलिए एसएचओ को दरकिनार कर उल्टा उसपर मामला दर्ज कर उसपर दवाब बनाया जा रहा है। सतीश ने कहा कि उसका दवाईयों और रेस्टोरेंट का कारोबार है। जबकि शराब कारोबार के साथ उसका किसी तरह संबंध नही है। अब उसपर शराब मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस सोनीपत स्थित उसके गांव में जाकर उसके परिवार वालों को परेशान कर रही है,लेकिन वह सच्चाई को सामने लाकर रहेगा।
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