सत्यखबर सफीदों, (महाबीर) – वर्ष 1994 मे आतंकवादग्रस्त बारामूला मे तीन आतंकियों को मौत के घाट उतारकर शहीद हुए नायब सुबेदार औमप्रकाश के पैतृक गांव खातला के पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य ग्रामीणों ने सफीदों के मु य चौक खांसर चौक का नामकरण शहीद औमप्रकाश के नाम पर किए जाने की मांग की है। इस आशय का अनुरोध उन्होंने संबन्धित उच्चाधिकारियों को भेजा है।
इस गांव के सरपंच सुलतान सिंह ने बताया कि यहां सफीदों-पानीपत के राज्यमार्ग से भुसलाना गांव तक के संपर्क सड़क मार्ग का नामकरण शहीद नायब सूबेदार औमप्रकाश के नाम से करने का निर्णय संबन्धित सक्षम अधिकारियों द्वारा लिया गया है और क्योंकि यह संपर्क सड़क खांसर चौक से जुड़ी है और इस चौक का नाम शहीद के नाम किया जाना चाहिए। सरपंच ने बताया कि पंचायत ने अपने खर्चे पर गांव में शहीद का स्मृति स्थल बनाया है जिसके लिए सरकार से कोई बजट जारी नहीं किया गया है।
बता दें कि जनवरी 1978 में 27वीं राजपूत बटालियन में भर्ती हुए ओमप्रकाश 31 जनवरी 1994 आतंकिओं के सफाये की उनकी बटालियन की मुहिम के तहत बतौर प्लाटून कमांडर बारामुला में तैनात थे जहां वह तीन आतंकियों को ठिकाने लगाने के बाद शहीद हो गए थे जिन्हें शहीदी उपरांत शौर्य चक्र दिया गया था। प्रथम विश्व युद्ध से इस गांव के हर दूसरे घर से एक फौजी रहा है।
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