सत्य खबर, चण्डीगढ़
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश के शिक्षा तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करने की नीति पर आगे बढ़ रही है। इस सरकार का मकसद है कि हरियाणा के युवाओं को शिक्षा और रोजगार से वंचित रखा जाए। इसी मकसद को पूरा करने के लिए स्कूलों को टीचर और विश्वविद्यालयों को ग्रांट नहीं दी जा रही है। सरकार की नीतियों से परेशान होकर आज बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक हर कोई सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहा है।
हुड्डा ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री के जिले करनाल में छोटे-छोटे स्कूली बच्चे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। स्कूल में सुविधाएं और टीचर्स की मांग को लेकर विद्यार्थियों को भीष्ण गर्मी में 15 किलोमीटर पैदल मार्च करना पड़ा। क्योंकि गांव के स्कूल में सिर्फ एक टीचर और एक कमरा है। वहां ना बिजली-पानी की व्यवस्था है और ना ही शौचालय की।
इसी तरह प्रदेश में 63 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी टीचर नहीं है। करीब 40 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक टीचर है। मुख्यमंत्री के जिले करनाल में 32% लेक्चरर्स के पद खाली पडे हुए है। करनाल समेत पूरे हरियाणा में लगभग 50% हेड टीचर्स के पद खाली पडे हुए है| स्कूल ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल के दौरान जींद में स्थापित की गई चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में पिछले डेढ़ साल से वीसी तक का पद खाली पड़ा हुआ है।
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्कूलों के बाद सरकार की टेढ़ी नजर विश्वविद्यालयों पर पड़ गई है। इसीलिए उसने विश्वविद्यालयों को ग्रांट की बजाए लोन देने का फैसला लिया है। ऐसा लगता है कि सरकार विश्वविद्यालयों को नीलाम करके निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। पहले विश्वविद्यालयों को कर्ज में डुबोया जाएगा और फिर उन्हें बेचने के फरमान जारी कर दिए जाएंगे। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में शिक्षा और महंगी होगी जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। इसलिए कांग्रेस इस फैसले का हर मंच पर विरोध करेगी।
हुड्डा ने बताया कि उनकी सरकार के दौरान हरियाणा को शिक्षा का हब बनाने की नीति तैयार की गई थी। इसलिए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 27 यूनिवर्सिटीज, सैंकड़ों कॉलेज, इंजीनियरिंग, मेडिकल, बीएड, जेबीटी कॉलेज, प्रोफेशनल कॉर्सिज इंस्टीट्यूट्स, आईटीआईज, मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल, आरोही मॉडल स्कूल खोले गए थे। उन्हीं की सरकार के दौरान आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान हरियाणा को मिले। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद पूरे शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर दिया। नए स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी बनाया तो दूर सरकार कांग्रेस कार्यकाल में बने संस्थानों में टीचर, स्टाफ व सुविधाएं तक मुहैया नहीं करवा पा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने बताया कि उनकी सरकार के दौरान सिर्फ शिक्षा महकमे में 1 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गईं थीं, जिसमें जेबीटी, पीजीटी से लेकर लेक्चरर, प्रोफेसर, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर शामिल हैं। लेकिन आज अलग-अलग महकमों में लगभग 4 लाख पद खाली पड़े हुए हैं। बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के पूरे कार्यकाल में आज तक एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं निकाली गई| जबकि करीब एक लाख एचटेट पास युवा भर्ती के इंतजार में बैठे है। शिक्षा महकमे में करीब 40,000 पद खाली पडे हुए है। फिर भी सरकार भर्ती करने का नाम नहीं ले रही। यही वजह है कि हरियाणा में पूरे देश के मुकाबले सर्वाधिक बेरोजगारी है। बेरोजगारी के विरोध में हरियाणा के युवा आंदोलनरत हैं। सरकार पक्की भर्तियां करने के बजाए कौशल निगम के जरिए ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान उन्होंने इस ठेकेदारी प्रथा पर अंकुश लगाने की नीति बनाई थी। लेकिन अब सरकार खुद ठेकेदार बनके कम वेतन में कच्ची भर्तियां कर युवा प्रतिभाओं का शोषण कर रही है। कच्ची भर्तियों में भी जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है और रिश्वत लेकर नौकरियां दी जा रही हैं।
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