हरियाणा

श्रीमद् भागवत कथा सुनना संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म: शैलेंद्र शुक्ल

सफीदों : महाबीर

नगर की पुरानी अनाज मंडी में श्रीमद् भागवत कथा मंडल के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथाव्यास आचार्य शैलेंद्र शुक्ल ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनना संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है। भागवत कथा अमृत तो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। कलयुग के समस्त दोषों का और पाप से बचने का उपाय श्रीमद् भागवत कथा का पठन-पाठन है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मन की मैल धोती है। आज की युवा पीढ़ी भारतीय संस्कृति से विमुख होकर पाश्चात्य प्रभाव से स्वेच्छारिता तथा अनैतिकता की और बढ़ रही है। उनको सन्मार्ग में ले जाने के लिए भागवत ज्ञान सर्वोत्तम साधन है। भागवत की शक्तियों से सद्गुणों तथा सद्संस्कारों का संवर्धन को दूर कर मनुष्य प्रभु का कृपा पात्र बन सकता है। आज भागवत भारतीय जनमानस मे सर्वाधिक लोकप्रिय और लोक विख्यात हैं जो लोक जीवन को समृद्ध और उन्नत बनाने का सर्वोच्च साधन है। वर्तमान संघर्षमय जीवन में भागवत मानव जाति की पथ प्रदर्शक रूप में नैतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और सार्वजनिक जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। भागवत आत्मज्ञान कराती है, आत्मज्ञान ही श्रेष्ठ विद्या है, जिसमें मोक्ष और कल्याण का मार्ग निहित है। भागवत मानव जीवन के उत्थान की अमृत धारा है। इस मौके पर भजन व झांकियां भी प्रस्तुत की गई और भजनों की धूनों पर श्रद्धालुगण जमकर थिरके
सफीदों : महाबीर मित्तल
नगर की पुरानी अनाज मंडी में श्रीमद् भागवत कथा मंडल के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथाव्यास आचार्य शैलेंद्र शुक्ल ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनना संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है। भागवत कथा अमृत तो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। कलयुग के समस्त दोषों का और पाप से बचने का उपाय श्रीमद् भागवत कथा का पठन-पाठन है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मन की मैल धोती है। आज की युवा पीढ़ी भारतीय संस्कृति से विमुख होकर पाश्चात्य प्रभाव से स्वेच्छारिता तथा अनैतिकता की और बढ़ रही है। उनको सन्मार्ग में ले जाने के लिए भागवत ज्ञान सर्वोत्तम साधन है। भागवत की शक्तियों से सद्गुणों तथा सद्संस्कारों का संवर्धन को दूर कर मनुष्य प्रभु का कृपा पात्र बन सकता है। आज भागवत भारतीय जनमानस मे सर्वाधिक लोकप्रिय और लोक विख्यात हैं जो लोक जीवन को समृद्ध और उन्नत बनाने का सर्वोच्च साधन है। वर्तमान संघर्षमय जीवन में भागवत मानव जाति की पथ प्रदर्शक रूप में नैतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और सार्वजनिक जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। भागवत आत्मज्ञान कराती है, आत्मज्ञान ही श्रेष्ठ विद्या है, जिसमें मोक्ष और कल्याण का मार्ग निहित है। भागवत मानव जीवन के उत्थान की अमृत धारा है। इस मौके पर भजन व झांकियां भी प्रस्तुत की गई और भजनों की धूनों पर श्रद्धालुगण जमकर थिरक

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