सत्यखबर
बिहार के मुंगेर जिले में 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में एक नया मोड़ आया है। मुंगेर जिले के एसपी ने खुलासा करते हुए बताया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। बल्कि अंधविश्वास के चलते जादू-टोना को लेकर बच्ची की बलि दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने ओझा सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, बीते 5 अगस्त को सफियासराय ओपी क्षेत्र के पुरवारी टोला फरदा स्थित एक ईंट-भट्टा के पास से पुलिस ने 8 साल की बच्ची का शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद किया था। बच्ची 4 अगस्त को दोपहर में एक बजे से लापता था। बच्ची का शव मिलने के बाद परिजनों ने दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई थी। वहीं जिले के पुलिस अधीक्षक जग्गूनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने सोमवार को इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस कर खुलासा किया।
उन्होंने बताया कि बच्ची की हत्या अंधविश्वास और जादू-टोना के चलते की गई थी। आरोपित ने उसकी बलि देने के बाद आंख फोड़ दी थी। एसपी ने बताया कि परहम निवासी दिलीप कुमार की पत्नी को बच्चा नहीं हो रहा था इसलिए वो खगड़िया जिले के कोरमाहि थाना क्षेत्र के मथुरा गांव निवासी परवेज आलम नाम के एक ओझा बाबा से मुलाकात की। ओझा ने दिलीप की पत्नी को ठीक करने का आश्वासन दिया और उसके बाद जादू-टोना की प्रक्रिया शुरू की। ओझा बाबा ने पहले रेहू मछली की बलि दी।
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पुलिस ने ताबीज और खून से सना कपड़ा भी बरामद किया। बच्ची के शव को ईट भट्टा के परिसर में फेंक दिया गया। इस घटना पर वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद बच्ची की निर्मम हत्या किए जाने के खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में ओझा बाबा सहित सभी चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दो दिन पूर्व ही एसपी ने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुई कहा था कि बच्ची के साथ बलात्कार नहीं हुआ है।
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