सत्य खबर, दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए गए. इस कानून के तहत पाकिस्तन, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रावधान है.
संशोधित नागरिकता कानून को चुनौती देने वाली 59 याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘CAA कानून लागू करने पर कोई रोक नहीं है.’ अब इस मामले में अगले 22 जनवरी 2020 को सुनवाई होगी.
संशोधित नागरिकता कानून बीते हफ्ते लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित हुआ और राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद अधिनियमित हो गया. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई की.
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के लिए सबसे पहली याचिका मुस्लिम लीग ने दायर की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि यह कानून संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है और इसका स्पष्ट मकसद मुसलमानों के साथ भेदभाव करना है क्योंकि प्रस्तावित कानून का लाभ सिर्फ हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के सदस्यों को ही मिलेगा ।
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