एक मिनट में 430 पंच मारने का बनाया विश्व रिकार्ड
इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड में हुआ नाम दर्ज
सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: सफीदों उपमंडल के गांव जामनी के गौत्तम कुमार ने पंच प्रतियोगिता में विश्व रिकार्ड बनाया है। उसकी इस उपलब्धि पर पूरे गांव व परिवार में खुशी की लहर है और उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बता दें कि बीत गई 7 जुलाई को दिल्ली में आयोजित हुई विश्व स्तरीय पंच प्रतियोगिता में गौत्तम कुमार ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में अमेरिका, जापान, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली व ब्राज़ील समेत 24 देशों के 610 खिलाड़ी भाग ले रहे थे। गौत्तम कुमार ने इन सब देशों के खिलाडिय़ों को मात देते हुए एक मिनट में 430 पंच दे मारे और विश्व रिकार्ड पर अपना कब्जा किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 1 मिनट में 334 पंच मारने का इंग्लैंड के किसी खिलाड़ी का नाम था। गौतम कुमार ने उस रिकार्ड से 96 पंच अधिक मारकर पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन कर दिया। गौत्तम कुमार अपनी इस उपलब्धि पर एक तरफ काफी खुश भी है लेकिन दूसरी ओर उसे सरकार व प्रशासन का सहयोग व प्रोत्साहन ना मिलने का भी कहीं ना कहीं गम है। उसके विश्व रिकार्ड बनाए जाने के बावजूद भी सरकार व प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उनके पास नहीं आया है।
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गौतम ने बताया कि वर्ष 2009 में उसने एकेडमी ज्वाइन की थी। देश व प्रदेशों में घूमकर ट्रेनिंग हासिल की। कड़ी मेहनत करके उसने यह विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह रिकॉर्ड केवल मेरे ही लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है। वह विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अब तक 70 से 80 सर्टिफिकेट, 13 गोल्ड, 10 सिल्वर व 5 कांस्य पदक प्राप्त कर चुका है। गौत्तम कुमार ने कहा कि यदि ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को उभारना है तो केंद्र व राज्य सरकारों को विशेष कदम उठाने होंगे। हाल ही में टोक्यो में आयोजित हुए ओलंपिक में भारत को मात्र 7 मेडल ही प्राप्त हुए हैं। जबकि पड़ोसी देश चीन की आबादी भारत के बराबर ही है और वहां के खिलाडिय़ों ने इसी ओलंपिक में 108 पदक प्राप्त किए हैं जिनमें 38 गोल्ड मेडल हैं। गौत्तम का कहना है कि भारत में खेलों के अंदर राजनीति हावी है। अगर खेल और खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाना है है तो खेलों को राजनीति से अलग करने की जरूरत है। भारत के गांवों में एक से एक खेल प्रतिभाएं भरी पड़ी हैं लेकिन ये प्रतिभाएं गरीबी, ं साधनों के अभाव व सरकारी असहयोग के कारण वहीं दफन हो जाती हैं। उसने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए बताया कि वह भी ओलंपिक में खेलकर भारत के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहता है। सफीदों क्षेत्र के स्टेडियमों की हालत बद से बदतर है। सरकार ने अनेक स्थानों पर स्टेडियमों का निर्माण तो किया है लेकिन वे सभी बदहाल स्थिति में है। उनमें लंबी-लंबी घास जमी हुई है और वहां ना तो खेलों के उपकरण है और ना ही कोच हैं।
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