मंडी में निकलते वक्त गेंहू के कट्टों में से आने लगी है सडांध
सत्यखबर, सफीदों: महाबीर मित्तल
सफीदों मंडी व खरीद केंद्रों पर सफीदों प्रशासन द्वारा भले ही गेंहू सीजन में पूरी व्यवस्थाओं का दावे किए हो लेकिन प्रशासन के सभी दावे उस वक्त धराशायी होते दिखाई पड़े जब सफीदों क्षेत्र में रविवार को आई आंधी, तुफान व आसमानी बिजली की कड़कड़ाहट के बीच हुई जोरदार बारिश में मंडियों व खरीद केंद्रों में सरकार द्वारा खरीदे गए लाखों गेंहू के कट्टे बारिश के पानी में तरबतर हो गए। इसके पीछे प्रमुख कारण मंडियों में लचर निकासी व उठान व्यवस्था को बताया जा रहा है। गौरतलब है कि समुचित उठान व्यवस्था ना होने के कारण सरकार द्वारा खरीदा गया लाखों किवंटल गेंहू बोरियों में भरकर मंडिय़ों व खरीद केंद्रों में पड़ा हुआ है। आज हुई बारिश के दौरान बरसाती पानी गेंहू की ढेरियों व बंद पड़ी बोरियों में से होकर गुजर गया। अभी कई दिनों पूर्व भी क्षेत्र में बारिश हुई थी और उस दौरान भी बरसाती पानी गेंहू की बोरियों में घुस गया था। आज मंडियों में हालात ये हो गए हैं कि वहां से गुजरने के दौरान गेंहू की बोरियों में से संडाध आने लगी है और आढ़ती व किसान गेंहू की बोरियों व ढेरियों को बरसाती पानी से बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। लाखों की तादाद में पड़े ये कट्टे पूरी तरह से पानी में भीग गए हैं और ऐसी ही हालात में ये सरकारी गोदामों में जाकर लग जाएंगेे। देखने वाली बात यह है कि अभी इन कट्टों में इतनी बुरी सडांध आने लगी है तो गोदामों में जाने के बाद इसका क्या हाल होगा। क्या राशन वितरण प्रणाली के तहत लोगों को इस प्रकार का सड़ा हुआ गेंहू खाने को मिलेगा।
रविवार को बारिश रूकने के बाद आढ़ती बरसाती पानी में खड़े गेंहू के कट्टों को मजदूरों के माध्यम से निकलवाते दिखाई पड़े। इस दौरान आढ़तियों में भारी रोष देखने को मिला। आढ़तियों का कहना था कि सफीदों मंडी में सीजन के कोई प्रबंध नहीं है। ना तो किसानों की सही तरीके से खरीद हो रही है, ना पेमैंट हो रही है, ना उठान हो रहा है और ना ही यहां पर निकासी के कोई प्रबंध हैं। सरकार व प्रशासन ने आढ़तियों व किसानों को उनके हाल पर छोड़ रखा है। इस मामले में मंडी के प्रधान अनुज मंगला ने कहा कि सफीदों मंडी में निकासी व उठान के पूरे प्रबंध नहीं है जिसकी वजह से करोड़ों रूपए का गेंहू सडऩे को मजबूर है। सफीदों मंडी में सरकारी एजेंसी हैफेड व वेयरहाऊसिंग कारपोरेशन द्वारा गेंहू की खरीद की जा रही है और दोनों एजेंसियों का उठान का ठेकदार एक ही है। ठेकेदार के पास ना लेबर है और ना ही गाडिय़ों हैं। उठान के ठेकदार द्वारा मंडियों में से गेंहू की बोरियां उठाई नहीं जा रही है, जिसकी वजह यह स्थिति उत्पन्न हो गई है।
नहीं हो पा रहा गेंहू खरीद का भुगतान
सफीदों मंडी व खरीद केंद्रों पर उठान के साथ-साथ खरीद का भुगतान भी समुचित तरीके से नहीं हो पा रहा है। सफीदों में सरकारी एजैंसियों द्वारा खरीदे गए गेहूं का भुगतान खरीद के 18वें दिन भी कच्चा आढ़तियों के खाते में नहीं पहुंचा है। किसान की फसल का पंजीकरण कराने व ईट्रेडिंग की अनेक तरह की औपचारिकताएं पूरी करने के उपरंात भी गेहूं का भुगतान कच्चा आढतियों के बैंक खातों मे जमा कराने की तैयारी में खरीद एजैंसियां हैं। इस बारे खरीद एजैंसी हैफेड का लेखा देख रहे ए.जी.एम. अशोक कुमार ने बताया कि भुगतान में कच्चा आढ़तियों की तरफ से हुई कई तरह की तकनीकी गलतियों के कारण भुगतान में विलंब हो गया लेकिन 23 से 25 मार्च की गई खरीद का भुगतान कच्चा आढ़तियों के खातों मे डाल दिया गया है जबकि आढ़तियों ने स्पष्ट किया कि उनके खाते में अभी तक राशी जमा नही की गई है।
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