समता मूलक समाज एवं विश्व शांति के अग्रदूत थे रविदास – प्रभा माथुर
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
आज जिस तरह से हमारे समाज में अराकता एवं आतंकवाद की समस्या भयंकर रूप से फैली है तथा पुलवामा की पीड़दायी घटना इसी का परिणाम है। आपसी भाईचारे एवं समानता तथा समरसता की भावना को ध्यान में रखकर एवं गुरू रविदास द्वारा बताये गये मार्ग पर किया जा सकता है। धार्मिक संकीर्णता एवं कट्टरता का सभ्य, समाज को कोई स्थान नहीं है। प्रभा माथुर ने ये विचार गुरू रविदास जयन्ती के उपलक्ष्य में नरवाना शहर चोपड़ा पत्ती, पीपलथा, धमतान साहिब एवं कलौदा आयोजित कार्यक्रमों में रखे। प्रभा माथुर कहा कि जिस तरह की कट्टरता एवं प्रतिशोध की दुर्भावना के परिणामस्वरूप इस तरह पीड़ादायी घटना चाही है। इनका निवारण भी महान सन्तों के द्वारा बताये गये रास्ते पर चलकर किया जा सकता है। जिस प्रकार से गुरू रविदास ने सभी जीवों को समान मानकर समतामूल समाज की स्थापना का संदेश दिया था। प्रभा माथुर ने सभी धर्मों एवं सम्प्रदायों के लोगों को आपसी सहयोग एवं भाईचारे की भावा को ध्यान में रखकर सभी धर्मो का मान सम्मान करते हुए सद्भावना पूर्वक माहौल तैयार करने का आह्वान किया। इस अवसर सत्यनारायण पांचाल, जिले सिंह मुवाल, श्रीकांत, ओमप्रकाश मुवाल, सुरजीत, मंगतराम, गोपालाराम, रामपाल, जोगेन्द्र, बनवारी आदि सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।