कहा: महामारी में राजनीति करने की नहीं बल्कि मानवता की रक्षा करने की जरूरत
सत्य खबर, सफीदों, महाबीर मित्तल: सफीदों क्षेत्र में कोरोना महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए आगे आए समाजसेवी नरेश मंगला ने उन लोगों को खरी-खरी सुनाई तो समाजसेवा के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास करते हैं। गौरतलब है कि समाजसेवी नरेश मंगला उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने महामारी के दौरान परमपूज्य वेदाचार्य दंडीस्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज की सद्प्रेरणा से लोगों तक राहत पहुंचाने का बीड़ा उठाया। नरेश मंगला ने इस महामारी में लोगों की पीड़ा को दिल से समझते हैं हुए लोगों को आक्सीजन, दवाईयां, बै्रड व संस्कार के लिए लकडिय़ां मुहैया करवाने का प्रण लिया था। उन्हे सूचना मिली की शुरू किए गए इस सेवा कार्य में राजनीति लाभ उठाने का प्रयास किया जा रहा है। जिस पर नरेश मंगला ने पै्रस कांफे्रस बुलाकर ऐसे राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करने वाले लोगों को बिना नाम लिए खूब खरी-खरी सुनाई।
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उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में लोगों को मदद की जरूरत है, राजनीति करने की नहीं। नरेश मंगला ने हिदायत दी कि ऐसे नेताओं से लोग बचे, इनका हमारे इस सेवा कार्य से कोई लेना देना नहीं है। कोई भी व्यक्ति या नेता इस सेवा कार्य का के्रडिट ना ले क्योंकि यह कार्य भगवान की इच्छा से और दंडीस्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज की सद्प्रेरणा से शुरू किया गया है। किसी जरूरतमंद को मदद पहुंचाकर उसके साथ अपनी फोटो खिंचवाना कहां का न्याय है। जो सच्चा मानवतावादी व्यक्ति है वहीं इस सेवा कार्य में उनके साथ लगे और दूसरे लोग स्वयं इस कार्य से दूर हो जाएं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आक्सीजन के लिए पोर्टल शुरू किया गया है। जिस किसी को आक्सीजन की आवश्यकता है वह पोर्टल पर आवेदन करे। आवेदन स्वीकार होने के बाद सेवा कार्य से जुड़े वालींटियर उसे आक्सीजन सिलेंडर को जींद से जरूरतमंद व्यक्ति के घर तक नि:शुल्क पहुंचाएंगे। जो आक्सीजन का पैसा देने में असमर्थ है, वह पेमैंट भी उनकी ओर से की जाएगी। इसके अलावा संपूर्ण सफीदों क्षेत्र में किसी भी नागरिक को संस्कार के लिए लकडिय़ों की समस्या आ रही हो उनके लिए लकडिय़ों की समूचित नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।
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उन्होंने बताया कि सफीदों नगर के प्रम्त्येक श्मशान घाट में लकडिय़ों की गाडिय़ां पहुंचा दी है और गांवों के लिए सफीदों पुरानी अनाज मंडी में डाकखाने के पास लकडिय़ों का स्टाक डलवा दिया है। किसी भी गांव के लोग यहां से लकडिय़ां भरकर ले जा सकते हैं। इसके साथ किसी जरूरतमंद को दवाई की जरूरत है तो वह डाक्टर द्वारा लिखित दवाईयों का पर्चा उनके पास भेज दें, वे सारी दवाईयां मरीज के घर तक पहुंचाएंगे। इसके साथ-साथ मरीजों को बै्रड व बिस्किट वगैरह भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। मंडी में संस्कार के लिए लकडिय़ां डलवाने पर उठे प्रश्रों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपना-अपना सोचने का एक नजरियां है। लकड़ी का प्रयोग अंतिम संस्कार के साथ-साथ हवन करने, खाना बनाने, फैक्ट्रियां चख्लाने के साथ-साथ अनेक कार्यों में होता है।
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