राष्‍ट्रीय

समाज में लैंगिक समानता होगी, तो बाल शोषण मुद्दों में गिरावट आना स्वाभाविक- मलिक

सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-

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प्रेरणा अंदरूनी होती है, वातावरण सहायक होता है, सिर्फ सकारात्मक सोच ही महत्वपूर्ण नहीं है, उसके साथ जरूरी है आशावादी नजरिया, उत्साह, हौसला व जुनून फिर कोई भी मंजिल चाहे आसमान को छूने की ही क्यों ना हो हर मंजिल तक पहुंचना मुमकिन है। उक्त बातें केएम राजकीय महाविद्यालय में बाल कल्याण केंद्र के राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कही। उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त व्यक्ति जिसका नजरिया दूरदर्शी हो सोच सकारात्मक हो ऐसा व्यक्ति सामाजिक सशक्तिकरण के लिए किसी भी काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए विचारधारा के लोगों के साथ मिलकर विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक परिणाम हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज की जरूरत बच्चों को ऐसा वातावरण प्रदान करें कि वह अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें। प्रोत्साहन ही ऐसी शक्ति है जो बड़े-बड़े काम को अंजाम तक पहुंचा सकती है। युवा वर्ग को अपने संबंधित क्षेत्र में सामाजिक चेतना जगाने हेतु सकारात्मक प्रवृत्ति के लोगों को अपने साथ ले। अगर लैंगिक समानता होगी तो बाल जैसे बाल शोषण जैसे मुद्दों में गिरावट आएगी, दुश्मनो प्रवृत्ति के लोग समाज में ऐसे कलंकित कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही सावधानी है इसलिए हमें खुद जागना होगा, लोगों की चेतना को जगाना होगा। मलिक ने कहा कि केंद्रों का मुख्य उद्देश्य बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों व अभिभावकों को भी जागरूक करना है, ताकि समाज मेें सामाजीकरण के दायरे को बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर प्राचार्य डा. राजकुमार च्ख्यालिया, संतरो लांबा, प्रेमचंद भल्ला सहित स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

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