सत्यखबर, मुंबई
आर्यन खान मामले की जांच कर रहे NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। वानखेड़े ने यह याचिका उनके खिलाफ मुंबई पुलिस की तरफ से प्रभाकर सैल की शिकायत पर शुरू की गई जांच के खिलाफ दायर की है। वानखेड़े ने हाईकोर्ट से अंतरिम राहत की गुहार लगाई है। साथ ही इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।हाईकोर्ट ने वानखेड़े को फिलहाल बिना नोटिस के गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है। लेकिन मामले की जांच मुंबई पुलिस को ही जारी रखने की छूट भी दी है। इस सुनवाई के दौरान ही एक अन्य हाईकोर्ट बेंच में आर्यन खान की बेल पर भी सुनवाई चल रही थी।वानखेड़े की याचिका पर जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस एसवी कोटवाल की बेंच सुनवाई कर रही है। वानखेड़े के वकील ने बेंच से उनकी तरफ से कहा कि मुझे (वानखेड़े को) महाराष्ट्र राज्य सरकार की तरफ से निजी निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए मुझे गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी जानी चाहिए।
वानखेड़े के वकील ने कहा, जांच के लिए राज्य की तरफ से कोई सहमति नहीं ली गई है। यदि मुंबई पुलिस मुझे (वानखेड़े को) आज गिरफ्तार करती है, जिसकी मुझे आशंका भी है। मीलॉर्ड, राज्य की तरफ से मेरे अधिकारों का हनन होने तक का इंतजार नहीं किया जा सकता।वानखेड़े ने कहा, मीलॉर्ड, मेरे अधिकारों की रक्षा की जाए। मैं कोई पैडलर नहीं केवल एक डायरेक्टर हूं। मेरी रिक्वेस्ट है कि इसे (जांच को) CBI या NIA को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत भी इस तरह मेरी जांच करने पर रोक है। केंद्रीय जांच एजेंसी पर किसी तरह का आरोप नहीं है।
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महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश सरकारी वकील ने वानखेड़े की याचिका का विरोध किया। सरकारी वकील ने हाईकोर्ट बेंच से कहा कि वानखेड़े के खिलाफ चार अलग-अलग शिकायत मिली हैं। इनकी जांच अभी शुरू की गई है, जिसे ACP लेवल का अफसर लीड कर रहा है। अभी तक वानखेड़े के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। ऐसे में उनकी तरफ से यह याचिका बेहद प्री-मेच्योर स्टेज पर दाखिल की गई है।वानखेड़े की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिलहाल जांच CBI को सौंपने का आदेश जारी करने की मांग को खारिज कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है कि अगर मुंबई पुलिस वानखेड़े को गिरफ्तार करती है तो पहले उन्हें तीन दिन का नोटिस देना होगा।हाईकोर्ट ने कहा, सरकारी वकील आश्वासन दें कि मुंबई पुलिस गिरफ्तारी से पहले 3 वर्किंग-डे का नोटिस वानखेड़े को सौंपेगी। इसी के साथ रिट पिटिशन निस्तारित की जा रही है। इस पर सरकारी वकील ने कहा, यदि हम प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत कोई मुकदमा वानखेड़े के खिलाफ दर्ज करेंगे तो हम उन्हें 72 घंटे पहले ही नोटिस देंगे।
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