सत्य खबर, पानीपत
पानीपत में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि डीएसपी की फेक फेसबुक आईडी बनाकर लोगों को फैंड रिकवैस्ट भेजी जा रही है। ऐसे में आम आदमी का मानना है कि जब अपराधी एक डीएसपी को निशाना बना सकते हैं तो उनकी तो हैसियत ही क्या है। हालात यह हैं कि डीएसपी को स्वयं मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वह फेक आईडी से ना रिकवेस्ट स्वीकार करें ना ही पैसे मांगे जाने पर पैसे दें।
बता दें कि पानीपत में डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स के नाम से उनका फोटो लगाकर एक फेक फेसबुक आईडी बनाकर किसी साइबर अपराधी द्वारा काफी व्यक्तियों को फैंड रिकवैस्ट भेजी जा रही है। माना जा रहा है कि फिलहाल फैंड रिकवैस्ट भेजी जा रही है तथा बाद में अन्य मामलों की तरह पैसों की मांग की जाएगी। हालांकि जिला के कुछ व्यक्तियों से सत्य खबर द्वारा सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनके पास भी डीएसपी सतीश वत्स के नाम से बनाई गई फर्जी फेसबुक आईडी से फैंड रिकवैस्ट आई थी पर उन्होंने स्वीकार नहीं की। वहीं डीएसपी स्तर के पुलिस अधीकारी की फर्जी आईडी बनाकर प्रयोग करने वालों के हौंसले को देखते हुए सामान्य आदमी यह सोचने पर मजबूर है कि जिन्हें पुलिस अधिकारियों का ही डर नहीं वह साधारण इंसान को कैसे छोड़ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पानीपत में कई व्यक्तियों की फर्जी आई बनाकर या उनकी ही आईडी को हैक कर पैसे मांगे गए थे। जिसमें कुछ में ऐसे अपराधी पैसे मंगाने में सफल भी हो गए थे। हालांकि पुलिस में शिकायत नहीं हो पाने के कारण ऐसे अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
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जिससे ऐसे अपराधियों के हौंसलों को उड़ाने मिल गई और अब उन्होंने पानीपत के डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स को ही अपना निशाना बना लिया। वहीं डीएसपी सतीश वत्स ने मीडिया तथा सोशल मीडिया के माध्यम से सभी से अपील की है कि उनकी फर्जी बनाई गई फेसबुक आईडी से ना तो फैंड रिकवैस्ट स्वीकार करें और ना ही मांगे जाने पर पैसे दें। डीएसपी वत्स ने यह पूछे जाने पर की एक डीएसपी की फर्जी आईडी बना ली गई तो सामान्य इंसान का क्या होगा पर उन्होंने कहा कि पहले जिस किसी भी फर्जी आई बनाकर साइबर अपराधियों ने पैसे मांगे थे। उन्होंने पुलिस में शिकायत नहीं दी अन्यथा अपराधियों की इतनी हिम्मत नहीं होती की वो भविष्य में भी ऐसा अपराध करते। फिलहाल इस मामले को साइबर क्राईम ब्रांच को सौंप दिया गया है। वह मामले की जांच कर रही है। अपराधी को बख्शा नहीं जायेगा।
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