सत्यखबर,दिल्ली
सागर धनखड़ हत्याकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए तथ्य सामने आ रहे हैं। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि वारदात के बाद सुशील स्टेडिम में मौजूद अपने घर में ही जाकर सो गया था। सुबह जब वह सोकर उठा तो उसने स्टेडियम के कर्मचारी को बुलाकर सागर व उसके साथियों के खिलाफ मॉडल टाउन थाने में शिकायत दे|
लेकिन कर्मचारियों को जब थाने पहुंचने पर सागर की मौत का पता चला तो उसने सुशील को खबर दी, जिसके बाद सुशील फौरन अपने घर से फरार हो गया। फरार होते समय वह घर में लगा डीवीआर भी अपने साथ ले गया था, जिसे पुलिस अभी तक बरामद नहीं कर सकी है।
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वहीं मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि सुशील कुमार को छत्रसाल स्टेडियम में रहने के लिए मकान मिला हुआ है। चार मई की रात को सुशील व उसके साथियों ने सागर व उसके दोस्तों की बेरहमी से पिटाई की। पुलिस कॉल होने पर सुशील के साथी पिछले गेट से अपनी-अपनी गाड़ियां छोड़कर फरार हो गए। जबकि सुशील अपने घर पर जाकर सो गया। उसे गुमान भी नहीं था कि हमले की वजह से सागर की मौत हो सकती है।
अगले दिन उठाने पर सागर ने स्टेडियम के कर्मचारी को बुलाकर सागर व उसको दोस्तों के खिलाफ झगड़ा करने की एक शिकायत लिखवाई। बाद में उसे मॉडल टाउन थाने भेजा गया। वहां पहुंचने पर कर्मचारी को पता चला कि सागर की इलाज के दौरान मौत हो गई है। कर्मचारी बिना शिकायत दिए ही वहां से निकला और उसने सुशील को खबर दी।
सागर की मौत का पता चलते ही सुशील व अजय के होश उड़ गए। तुरंत दोनों उठे और उन्होंने घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर निकाल लिया। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने डीवीआर का डाटा भी डिलीट कर दिया। इसके बाद सुशील, अजय और रोहित इनोवा गाड़ी से स्टेडियम से निकले। बाद में अजय व सुशील ने रोहित को रोहिणी छोड़ा और खुद हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। वहां कथित रूप से एक बाबा के आश्रम में रुककर इन लोगों ने रात बिताई। पुलिस उसकी जांच में जुटी है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान दो बार का ओलंपियन सुशील कुमार शातिर बदमाश की तरह बर्ताव कर रहा है। पुलिस की पूछताछ में वह बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फरारी के दौरान उसको अच्छी तरह से बता दिया गया है कि उसे कहां चुप रहना है और क्या कहना है।
सुशील लगातार सागर को बस पीटने की बात कर रहा है। यही वजह है कि सागर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस सुशील से ज्यादा जानकारी और सबूत नहीं निकलवा सकी है। पुलिस अभी तक उन कपड़ों को जो सुशील ने वारदात वाले दिन पहने हुए थे बरामद नहीं कर सकी है। इसके अलावा उसका मोबाइल भी अभी नहीं मिला है।
कपड़ों, उसका मोबाइल व अन्य सबूत इकट्ठा करने की नियम से पुलिस की टीम सोमवार को सुशील को लेकर हरिद्वार,ऋषिकेश और देहरादून भी पहुंची। यहां पुलिस ने सबूत इकट्ठा करने का प्रयास किया। सूत्रों का कहना है कि पुलिस के हाथ न तो कपड़े और न ही सुशील का मोबाइल मिला है। टीम को खाली हाथ ही लौटना पड़ा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस की एक टीम सोमवार सुबह सुशील व उसके करीबी अजय को लेकर उत्तराखंड के लिए निकल गई। टीम पहले हरिद्वार पहुंची। यहां सुशील को लेकर हर की पौढ़ी और दूसरी कई जगह ले जाया गया। सुशील ने बताया था कि उसने अपना मोबाइल हर की पौढ़ी के पास फेंक दिया था। कपड़ों के बारे में कभी वह हरिद्वार में होने तो कभी उनको जलाने की बात करता रहा।
छानबीन के बाद सुशील के कपड़े भी पुलिस को नहीं मिले। सुशील को हरिद्वार में किन-किन लोगों का सहयोग मिला, पुलिस उससे पूछताछ कर पता लगाने का प्रयास कर रही है। जांच के बाद टीम सुशील को लेकर ऋषिकेश पहुंची। वहां भी पुलिस ने कुछ लोगों से सुशील की मौजूदगी में बातचीत की। इसके बाद कुछ देर के लिए टीम देहरादून भी गई, बाद में टीम खाली हाथ ही लौट आई। लगातार सुशील का कहना है कि उसने सागर की हत्या नहीं की। उसने सागर की पिटाई लगाई थी, जिससे उसकी मौत हो गई। उसकी हत्या करने की सुशील की कोई मंशा नहीं थी। उसे जानबूझकर फंसाया जा रहा है।
मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फरारी के दौरान सुशील ने मामले से जुड़े सबूतों को शायद नष्ट कर दिया। यही वजह है कि पुलिस की टीम उसका मोबाइल व कपड़े भी बरामद नहीं कर पा रही है। सुशील ने शायद कपड़ों को जला दिया और मोबाइल को गंगा में फेंक दिया। ऐसी परिस्थिति में सुशील के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 (सबूत मिटाना) के तहत कार्रवाई हो सकती है।
वहीं सुशील और अजय के अलावा गिरफ्तार बाकी सभी आरोपियों ने मामले में खुद को बेगुनाह बताया है। उनका कहना है कि वह सुशील के कहने पर वहां आ तो गए थे, लेकिन उन्होंने वहां कोई झगड़ा नहीं किया। इसके लिए आरोपी वीडियो की दलील दे रहे हैं। पुलिस उसके आधार पर मामले की जांच कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में पुलिस कुछ आरोपियों को सरकारी गवाह भी बना सकती है।
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