चंडीगढ़। नशे के कारोबार और तस्करों के विरुद्ध शुरू की गई अंतरराज्यीय मुहिम के नतीजे आने शुरू हो गए हैैं। हरियाणा की मेजबानी में उत्तर भारत के सात राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल, राजस्थान और चंडीगढ़ ने एक संयुक्त प्लेटफार्म बनाया है। प्रदेश सरकारों ने एक दूसरे राज्य को नशे के अवैध धंधों तथा तस्करों की जानकारी देने के लिए अलग से नोडल मुख्यालय भी बनाने का दावा कर रखा है। हरियाणा सरकार का मुख्यालय पंचकूला में है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विभिन्न राज्यों के संयुक्त प्लेटफार्म पर नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का एजेंडा सेट किया है। प्रदेश में नशे के कारोबारी कितने सक्रिय है, इस बात को विधानसभा में इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला भी उठा चुके। कई राजनेताओं की संलिप्तता इस धंधे में पहले ही उजागर हो चुकी है। सरकार व पुलिस अभी तक इसे खत्म नहीं कर पाई है। हरियाणा में पुलिस के नशा तस्करों के विरुद्ध एक साल के अभियान की बात करें तो 25 हजार 640 किलो मादक पदार्थ जब्त किए गए हैैं। इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में व्यापक स्तर पर नशे का कारोबार होता है और तस्कर सक्रिय हैैं, जिन पर अंकुश लगाने की दिशा में पुलिस धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के अनुसार जनवरी 2019 से फरवरी 2020 के बीच 145 किलो अफीम, 184 किलोग्राम चरस और सुल्फा, 14 हजार 355 किलो चूरा/डोडा पोस्त, 18 किलो स्मैक, 7064 किलो गांजा और 22 किलो हेरोइन जब्त की गई है। डीजीपी के अनुसार इसी अवधि में पुलिस टीमों ने प्रतिबंधित दवाओं की श्रेणी में आने वाली करीब 18 लाख नशीली दवाएं भी जब्त की हैं। इसके अतिरिक्त 23 मार्च से 31 मई 2020 तक चले लॉकडाउन में 3,853 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई है। मनोज यादव के अनुसार सभी पुलिस अधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने तथा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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